- एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है
- इसके मुताबिक विकास दुबे ने एसटीएफ के एक सीओ के सीने पर गोली चलाई
- एसटीएफ के सीओ बुलेट प्रूफ जैकेट पहने थे जिसकी वजह से वह बाल-बाल बच गए थे
कानपुर के चौबेपुर थाने के बिकरु गांव में 2/3 जुलाई की रात जो हुआ वो क्राइम की ऐसी घटना के रुप में दर्ज हो गया है जिसकी मिसाल बिरले ही मिलती है,वहां के एक गैंगस्टर विकास दुबे ने दबिश देने आई पुलिस पार्टी पर जमकर गोलियां बरसाईं जिसमें एक सीओ, एक एसओ सहित 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे, हालांकि पुलिस ने इस घटना में शामिल विकास दुबे सहित 6 आरोपियों का एनकाउंट कर दिया, जिसमें से विकास दुबे का एनकाउंटर मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद कानपुर लाते समय कानपुर के सचेंडी में हुआ, इस बारे में अब नई जानकारियां सामने आ रही हैं, एसटीएफ ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें जिक्र है कि विकास दुबे ने एसटीएफ के एक सीओ के सीने पर गोली चलाई, हालांकि बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से वो बाल-बाल बच गए।
एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक एनकाउंटर के दौरान विकास दुबे ने एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह को सीने पर गोली मारी थी मगर वो बुलेट प्रूफ जैकेट पहने थे जिसकी वजह से उनकी जान बच गई यानि उनकी जान पर बन आती अगर वो बुलेटप्रूफ जैकेट ना पहने होते।
विकास ने एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह को सीने पर गोली मारी थी
गौरतलब है कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए एनकाउंटर में मार गिराया गया था। यूपी एसटीएफ की टीम मध्य प्रदेश के उज्जैन से विकास दुबे को लेकर कानपुर आ रही थी तो कानपुर से लगभग कुछ किलोमीटर पहले गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया।
जिसमें विकास दुबे पुलिस वालों के साथ बैठा था बताते हैं कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे एक पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर गाड़ी के दरवाजे से बाहर निकला और फरार होने की कोशिश करने लगा उसी दौरान विकास ने एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह को सीने पर गोली मारी थी मगर वो बच गए थे।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकास दुबे की गाड़ियां भी बदली जा रही थीं
एसटीएफ के सीओ तेज बहादुर सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि उज्जैन से कानपुर लाते समय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकास दुबे की गाड़ियां भी बदली जा रही थी, दोनों गाड़ियां विकास दुबे वाली गाड़ी से उचित दूरी बनाकर चल रही थी, दुर्घटना के बाद विकास दुबे इंस्पेक्टर रमाकांत की पिस्टल लेकर फरार हुआ फिर उसने एसटीएफ सीओ पर फायर किया जिसके बाद वो एनकाउंटर में मारा गया।