- यूपी में पहली बार एक्सप्रेस-वे जैसी बनेगी कानपुर रिंग रोड
- कई चरण के सर्वे के बाद एनएचएआई चेयरमैन की मंजूरी
- रिंग रोड 2080 तक कानपुर के भारी ट्रैफिक लोड को सहने में सक्षम होगी
Kanpur Ring Road: उत्तर प्रदेश में पहली बार कोई रिंग रोड एक्सप्रेस-वे जैसी बनाई जाएगी और इसका प्रयोग कानपुर से शुरू होगा। यहां 93.5 किलोमीटर की प्रस्तावित रिंग रोड पर वाहन 120 किलोमीटर की स्पीड में फर्राटा भर सकेंगे, यह मानक अभी तक एक्सप्रे-वे के लिए हैं। एनएचएआई के चेयरमैन ने रिंग रोड के नए प्रोजेक्ट को मंजूर करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। निर्माण का बजट 2600 करोड़ से बढ़ाकर चार हजार करोड़ को भी हरी झंडी दे दी है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने दो महीने पहले भविष्य को ध्यान में रखते हुए रिंग रोड सिक्सलेन बनाने का संशोधित प्रोजेक्ट एनएचएआई चेयरमैन अलका उपाध्याय को भेजा था।
तर्कों को जायज मानते हुए योजना का खाका तकनीकी और बजटीय कमेटी के पास भेजा गया, जहां से मंजूरी के बाद इसे अनुमति प्रदान कर दी गई। हालांकि जमीन पहले ही सिक्सलेन के लिए ली जा रही है। मंधना-सचेंडी के बीच 23.32 किलोमीटर की रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण का गजट सिक्सलेन का ही किया गया है।
स्पीड सीमा बढ़ने के साथ-साथ साइन बोर्ड, सेफ्टी ढांचा बदलेगा
रिंग रोड के एक्सप्रेस-वे जैसे बनने से स्पीड का मानक बढ़ेगा। स्पीड सीमा बढ़ने के साथ-साथ साइन बोर्ड, सेफ्टी ढांचा बदलेगा। जहां पर एलिवेटेड रोड या पुल का निर्माण होगा, वह आठ लेन का होगा। यूपी में लखनऊ, वाराणसी में रिंग रोड को भी यह सौगात अभी तक नहीं मिली है। एनएचएआई ने साफ कर दिया है कि, रिंग रोड की जद में आ रही किसानों की जमीन अब नहीं बेची जा सकेंगी। एनएचएआई के गजट में मंधना-सचेंडी सेक्शन में 85 गांवों की भूमि ली जाएगी।
नई रिंग रोड कानपुर की तस्वीर बदल देगी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रशांत दुबे ने बताया कि, रिंग रोड को एक्सप्रेस-वे जैसे विनिर्देश की मंजूरी मिली है। संशोधित प्रोजेक्ट व बजट को मंजूरी मिल गई है। नई रिंग रोड कानपुर की तस्वीर को बदलने का काम करेगी। वहीं, भारी वाहनों का बाहर ही बाहर आवाजाही का रास्ता देगी।
निर्माण में चार हजार करोड़ रुपये खर्च होने का आंकलन
आपको बता दें कि, रिंग रोड 2080 तक कानपुर के भारी ट्रैफिक लोड को सहने में सक्षम होगी। 560 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए 2609.06 करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण पर तकरीब चार हजार करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन किया गया है। अवार्ड के बाद तीन साल में निर्माण पूरा होगा। इस पर चार जगह पर टोल लगेगा। मंधना और चकेरी में दो गंगा पुल का निर्माण किया जाएगा। 21 एलिवेटेड सड़क बनेंगी, दिल्ली-हावड़ा ट्रैक समेत छह पर रेलवे पुल बनेंगे। 53 अंडरपास बनेंगे, शुक्लागंज के 29 गांवों की जमीन भी ली जाएगी। रिंग रोड के पूरे प्रोजेक्ट में 11 हजार किसानों की जमीन ली जाएगी।