- एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का काम पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च तक की है
- अभी तक केवल सिर्फ 60 फीसदी पूरा हुआ है काम
- बिल्डिंग का निर्माण पूरा न होने के कारण, नहीं हो पा रहा एक दर्जन नई फ्लाइटों का संचालन
Kanpur News: चकेरी एयरपोर्ट का नया टर्मिनल तीसरी समय सीमा पूरी होने के बाद भी तैयार नहीं हो पाएगा। तीसरी बार इसकी डेड लाइन 31 मार्च बढ़ाई गई थी। अब तीन दिन शेष हैं। अभी काम सिर्फ 60 फीसदी ही पूरा हो पाया है। इस बिल्डिंग का निर्माण पूरा न होने की वजह से करीब एक दर्जन नई फ्लाइटों का संचालन नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि, अभी जो पांच फ्लाइटें उड़ रही हैं, उन्हें भी पुराने एयरपोर्ट में खड़े होकर इंतजार करना होता है।
चेतावनी के बाद भी नहीं हुआ कोई असर
दो बार नागरिक उड्डयन विभाग के मंत्री नंद गोपाल नंदी, तीन बार हवाई अड्डा सलाहकार समिति की बैठक और मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने कई बार नया टर्मिनल बनाने वाली कार्यदायी एजेंसी यूपी राजकीय निर्माण निगम को चेतावनी दी है। निर्माण कार्य पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च तीसरी बार निर्धारित की गई थी। नेता और अधिकारियों ने एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने को कहा था। इसके बावजूद न तो इस एजेंसी की कार्यशैली में सुधार आया न ही यहां काम कर रहीं कुछ प्राइवेट फर्मों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। जिस तरह से काम हो रहा है, अगर इस साल भी नया टर्मिनल बनकर तैयार हो जाए तो बड़ी बात होगी।
महज 60 प्रतिशत ही हो पाया काम
खास बात यह है कि, अक्टूबर 2019 में इस काम का वर्क ऑर्डर जारी करते हुए इसे 16 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। अब तक 30 महीने हो चुके हैं और महज 60 प्रतिशत काम हुआ है।
रक्षा मंत्रालय की एनओसी न मिलने से भी काम अटके
एयरपोर्ट की न्यू टर्मिनल बिल्डिंग के लिए लिंक टैक्सी वे के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय की एनओसी अब तक नहीं मिल सकी है। इसकी एनओसी के लिए दो साल से कवायद चल जा रही है। यह हाल तब है, जब कानपुर के दोनों सांसद भाजपा के हैं, इनमें से एक देवेंद्र सिंह भोले हवाई अड्डा सलाहकार समिति अध्यक्ष हैं। केंद्र में सरकार भी इनकी है, इसके बाद या तो लचर पैरवी या फिर इनकी सुनवाई न होने से एनओसी भी नहीं मिल सकी है। इन्होंने जनवरी में बैठक के दौरान कार्यदायी एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी थी, जिसका कोई असर यूपी राजकीय निर्माण निगम पर नहीं हुआ। टर्मिनल बिल्डिंग का काम कोरोना काल की वजह से भी प्रभावित हुआ, लेकिन हालात सामान्य होने के बाद बरती गई लापरवाहियों से देरी होती जा रही है।