कानपुर : कोरोना वायरस संक्रमण के बीच जीका वायरस को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में इस संक्रामक रोग का पहला केस सामने आया है। भारतीय वायु सेना (IAF) के एक अधिकारी में इसका संक्रमण पाया गया है। यूपी में जीका वायरस का मामला सामने आने के बाद यहां स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। दिल्ली से विशेषज्ञों की एक टीम को रवाना किया गया है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए घर-घर सर्वे भी किया जा रहा है।
कानपुर सिटी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) नेपाल सिंह ने रविवार को बताया कि जिस व्यक्ति में संक्रमण का पता चला है, वह भारतीय वायुसेना में वारंट अधिकारी के रूप में काम कार्यरत हैं। वायुसेना अधिकारी पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे और उन्हें जिले के वायुसेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज में कुछ दिन पहले रहस्यमय लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद उसके नमूनों को जांच के लिए अस्पताल प्रबंधन ने पुणे भेज दिया था। शनिवार को उनके जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
घर-घर किया जा रहा सर्वे
यूपी में इस मामले के सामने आने के बाद विशेषज्ञों की एक टीम कानपुर के लिए रवाना की गई है। मरीज के करीबी संपर्कों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। मरीज के संपर्क में आए 22 लोगों और समान लक्षण वाले लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। नगर पालिका की मदद से घर-घर सर्वे, लाइन लिस्टिंग, फॉगिंग, सफाई का काम किया जा रहा है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जिले में कई टीमों का गठन किया गया है, जिनकी मदद से संक्रमण की रोकथाम को लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया का वाहक भी है। इसके सबसे आम लक्षण में बुखार, शरीर में दर्द, स्किन रैशेज, आंखों में कंजंक्टिवाइटिस, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, जीका वायरस के लक्षण आम तौर पर दो से सात दिनों तक रहते हैं। संक्रमण के शिकार अधिकतर लोगों में कई बार लक्षण नहीं भी दिखाई देते हैं। कोविड के बीच जीका वायरस की दस्तक ने एक अलग तरह की चिंता पैदा की है।