- यूपी चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला किया है
- सपा अध्यक्ष ने कहा है कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे
- इस बार छोटे दलों के साथ लेकर चुनाव लड़ना चाहती है समाजवादी पार्टी
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से यह जानकारी दी गई है। अखिलेश ने यह भी कहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा (SP) और रालोद (RLD) के बीच गठबंधन को लेकर बात बन गई है। पीटीआई के साथ साक्षात्कार में अखिलेश ने कहा कि रालोद के साथ सीट बंटवारे को अभी अंतिम रूप दिया जाना है। अखिलेश अभी आजमगढ़ से सांसद और यूपी चुनाव में सीएम पद का चेहरा हैं। चुनाव में अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपीएल) के साथ चुनावी गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस गठबंधन से कोई समस्या नहीं है। अखिलेश ने कहा कि चुनाव में पीएसपीएल यदि उनके साथ आती है तो उसे और उसके उम्मीदवारों को उचित सम्मान दिया जाएगा।
चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं अखिलेश
समझा जाता है कि अखिलेश यादव अपना ध्यान पूरी तरह से चुनाव पर केंद्रित करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि अगर किसी सीट से वह चुनाव लड़े तो शायद वह पूरे राज्य में चुनाव प्रचार पर अपना ध्यान केंद्रित न कर पाएं। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में सपा का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है। आगामी चुनाव के लिए सपा अपने चुनावी गठजोड़ को अंतिम रूप देने में जुटी है।
छोटे दलों को साथ लाना चाहती है सपा
इस बार वह चुनाव में छोटे-छोटे दलों को अपने साथ लाना चाहती है। 2017 का विधानसभा चुनाव उसने कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था लेकिन इस चुनाव में उसे झटका लगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ किया लेकिन इस गठजोड़ का भी उसे फायदा नहीं मिला। बड़े दलों के साथ गठबंधन का फायदा न मिलने पर सपा इस बार छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ना चाहती है।
भाजपा पर चुनावी वादा पूरा न करने का आरोप लगाया
शनिवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए सपा अध्यक्ष ने भगवा पार्टी पर अपने चुनावी वादे पूरा न करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि पिछले विस चुनाव में भाजपा ने किसानों के लिए जो वादे किए थे, उसे उसने पूरा नहीं किया। वह अपने चुनावी घोषणापत्र को भूल गई। भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। राज्य के किसान अब पूछते हैं कि उनकी आय कब दोगुनी होगी? अखिलेश ने यूपी सरकार पर गन्ना किसानों का भुगतान समय पर न करने का भी आरोप लगाया।