- कोविड-19 के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने और तेज की अपनी जंग
- सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ओपीडी दोबारा शुरू करने के निर्देश जारी
- राज्य में कोविड-19 से रिकवरी रेट बढ़कर हुई 61 प्रतिशत, नोडल अधिकारी नियुक्त
लखनऊ : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार कदम उठा रही है। सरकार ने उन जिलों में निगरानी बढ़ा दी है जहां कोविड-19 के ज्यादा केस मिल रहे हैं। साथ ही इन जिलों के लिए अलग से नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। कोविड-19 के प्रसार पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाई गई है। मंगलवार को राज्य में 16 हजार 159 टेस्ट हुए, जो अभी तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
ओपीडी दोबारा शुरू करने के निर्देश
राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'टीम-11' के साथ लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो (सीएचसी) और निजी अस्पतालों के ओपीडी के दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान ओपीडी को बंद कर दिया गया था। राज्य के प्रधान सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिला अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को ओपीडी दोबारा शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। ओपीडी दोबारा शुरू करने के साथ-साथ राज्य सरकार ने अस्पतालों के लिए नए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
एक दिन में 16 हजार से ज्यादा टेस्ट
राज्य के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ बुलंदशहर और बागपत आदि के लिए कार्ययोजना बनाने और वहां के सरकारी/गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को प्रदेश में 16 हजार 159 टेस्ट हुए, जो अभी तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
कोविड-19 से रिकवरी रेट हुई 61 प्रतिशत
इससे पहले मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि राज्य में कोविड-19 से रिकवरी रेट बढ़कर 61 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 8904 लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं जबकि राज्य में 5259 एक्टिव केस हैं। उन्होंने बताया कि इस महामारी से राज्य में अब तक 435 लोगों की जान गई है। कोविड-19 के संकट को कम करने के लिए यूपी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की प्रशंसा हो रही है। महामारी के संकट के दौरान इतने बड़े राज्य को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जिस तरह से संभाला है वह दूसरे राज्यों के लिए एक मिसाल बना है।