- यूपी सरकार भी कोविड-19 को रोकने में काफी हद तक सफल रही है- योगी आदित्यनाथ
- यूरोप के मुकाबले प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण और इससे होने वाली मृत्यु की संख्या काफी कम है- योगी
- योगी बोले- सभी के सम्मिलित प्रयास से ही इस महामारी के विरुद्ध सफलता प्राप्त की जा सकती है
लखनऊ: पूरे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह आंकड़ा अब 52 हजार को पार कर गया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल औ गुजरात जैसे राज्यों में कोरोना की बढ़ती रफ्तार चिंताजनक है। इन सबके बीच यूपी जैसे बड़े प्रदेश में राज्य सरकार के प्रय़ासों की बदौलत कोरोना संक्रमण के फैलाव पर रोक लगी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका श्रेय जनता को दिया है।
यूरोप से की तुलना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूरोप से यूपी की तुलना करते हुए कहा, 'राज्य सरकार भी कोविड-19 को रोकने में काफी हद तक सफल रही है। यूरोप और उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग समान है, किन्तु यूरोप के मुकाबले प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण और इससे होने वाली मृत्यु की संख्या काफी कम है। इस सफलता में लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों के संयमित आचरण की बड़ी भूमिका है। COVID-19 भविष्य में और भी बड़ी चुनौती है। हम सभी के सम्मिलित प्रयास से ही इस महामारी के विरुद्ध सफलता प्राप्त की जा सकती है।'
यूपी सरकार ने की कारगर व्यवस्था
यूपी सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए योगी ने कहा, 'किसी भी बीमारी के उपचार से पहले बचाव की तैयारी आवश्यक है। कोविड-19 से बचाव के लिए लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं। यूपी सरकार कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के लिए कारगर व्यवस्था की है। इस संक्रमण के प्रसार की स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सालयों में 50,000 से अधिक बेड का इंतजाम कर आरक्षित किया गया है। मई, 2020 के अंत तक 01 लाख बेड की व्यवस्था की तैयारी भी की गई है।'
प्रवासी लोगों के लिए लगातार कर रही है कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बाहर कार्य करने वाले प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। अभी तक सात लाख से अधिक श्रमिकों की सुरक्षित वापसी कराने के साथ ही, उनके लिए भोजन की व्यवस्था, घर पहुंचाने, खाद्यान्न एवं 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि 12 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों व श्रमिकों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाकर रखे गए हैं। राज्य सरकार ने राजस्थान के कोटा तथा प्रदेश के प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी भी सुनिश्चित की है।