- शरद पवार कोरोना है जिन्होंने महाराष्ट्र को संक्रमित किया है: गोपीचंद पडलकर
- NCP ने पडलकर की आपत्तिजक टिप्पणी को लेकर BJP को घेरा
- पडलकर ने भावनाओं में बहकर की पवार के खिलाफ टिप्पणी की: फडणवीस
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता गोपीचंद पडलकर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो और वरिष्ठ नेता शरद पवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। गोपीचंद पडलकर ने एनसीपी चीफ शरद पवार को 'महाराष्ट्र का कोरोना' कहा है। उन्होंने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र के लिए एक कोरोना के अलावा कुछ नहीं हैं।
पडलकर ने कहा, 'वह वर्षों से महाराष्ट्र के प्रमुख हैं। लोगों को दुर्भावनापूर्ण बनाना हमेशा उनकी मुख्य भूमिका है। उनके पास कोई एजेंडा नहीं है, कोई दृष्टि नहीं है। वह लोगों को बदनाम करना जानते हैं। उन्हें अपने पक्ष में करते हैं और अन्याय करते हैं। मेरे हिसाब से शरद पवार एक ऐसा कोरोना हैं जिन्होंने राज्य को संक्रमित किया है। पवार ने हमेशा ऐसे कदम उठाए जिनसे आम लोगों की समृद्धि प्रभावित हुई।'
बीजेपी नेता ने आगे कहा, 'मुझे नहीं लगता कि वह धांगर समुदाय के आरक्षण पर सकारात्मक दृष्टि रखते हैं। सभी धांगर आरक्षण पर राजनीति करना चाहते हैं। महाराष्ट्र सरकार हर दूसरे आरक्षण में अलग भूमिका निभा रही है।'
NCP ने भाजपा के महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य (MLC) पडलकर के आपत्तिजक बयान को लेकर बीजेपी पर पलटवार किया और कहा कि रोज विपक्षी दल के नेता कुछ न कुछ ऐसा बयान देते रहते हैं जिसे, बेहतर है कि गंभीरता से नहीं लिया जाए। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने पवार पर पडलकर के हमले को लेकर भाजपा की निंदा की और कहा कि ऐसे बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।
भावना में बहकर टिप्पणी की: फडणवीस
वहीं बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पडलकर ने शरद पवार पर जो टिप्पणी की वह उचित नहीं है और भावनाओं में बहकर की गई थी। वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं है। फडणवीस ने कहा, 'मैंने पडलकर से बात की। मैंने उनसे कहा कि हालांकि पवार साहब हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन वह हमारे दुश्मन नहीं हैं। मैंने उनसे कहा कि पवार साहब को भूल भी जाओ तो किसी भी वरिष्ठ नेता के खिलाफ ऐसी टिप्प्णी करना समुचित नहीं है। अगर कोई अपना विरोध दर्ज कराना चाहता है तो उसके लिए उचित शब्दों का चयन और उपयोग करना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि पडलकर ने स्वीकार किया कि उन्होंने भावना में बहकर यह टिप्पणी की।