- सफलता के रास्ते में बड़ी बाधा है ज्यादा ईमानदारी
- अपनी सफलता का राज दूसरे को बताना नुकसानदायक
- सभी कार्य में बाधा जरूर आती है, इससे बिल्कुल न डरें
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य को पूरे संसार में नीति-शास्त्र के सबसे बड़े विद्वानों में से एक माना जाता है। इनके द्वारा लिखी गई नीति शास्त्र हमें सफल जीवन जीने का रास्ता दिखाती है। नीति शास्त्र में घर-परिवार से लेकर कार्यस्थल तक पर सफलता प्राप्त करने के बहुत से सूत्र बताए गए हैं। जो व्यक्ति इन नीतियों को अपनाता है उसको सफलता प्राप्त करने में आसानी हो जाती है। यहां पर हम आचार्य चाणक्य के 5 ऐसे सफलता सूत्र बता रहे हैं जो आपके किसी भी कार्य को सफल बनाने में मदद करेंगी।
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1. किसी भी कार्य को करने से पहले उसे समझें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले खुद से ये तीन सवाल जरूर पूछेंने चाहिए। जैसे- मैं यह काम क्यों कर रहा हूँ, इसका परिणाम क्या होगा और क्या मैं इसमें सफल हो पाउँगा? जब गहन सोच-विचार के बाद आपको इन तीनों प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर मिले, तभी किसी नए काम की शुरुआत करें।
2. काम को बीच में न छोड़ें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति कोई भी कार्य करे, उसमें बाधा जरूर आएगी। लेकिन जब आप किसी काम को शुरू कर दें तो आने वाली बाधाओं से घबराकर उसे बीच में न छोड़े। याद रखें, किसी काम को पूरा करने के बाद ही लोग उसे याद रखते हैं। इसके बिना पूरा कार्य व्यर्थ है।
3. सफलता का राज किसी को न बताएं
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को अपनी सफलता का राज किसी दूसरे को कभी नहीं बताना चाहिए, चाहे वह आपका खास मित्र ही क्यों न हो। अगर आप अपने सफलता का राज किसी और को बताते हैं तो वह भी उसी रास्ते से सफलता प्राप्त कर आपके बराबर आ जाएगा। हो सकता है कि, वह आपसे आगे भी बढ़ जाए।
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4. ईमानदारी हो सकती है नुकसानदायक
आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए। क्योंकि, ईमानदार व्यक्तियों पर सबसे पहले प्रहार होता है। ऑफिस में कभी बहुत ज्यादा ईमानदार होने की कोशिश न करें। जहां आपको कोई बात गलत लग रही हो वहां अपने विचार रखें, लेकिन अपना हित ध्यान रखें। अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार कर ईमानदारी न दिखाएं।
5. ध्यान रखें हर सम्बन्ध के पीछे होता है स्वार्थ
आचार्य चाणक्य के अनुसार, हर संबंध के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छुपा होता है। यह केवल कार्यस्थल पर ही नहीं बल्कि हमारी व्यक्तिगत जिंदगी पर भी लागू होता है। चाहे हमारे सहकर्मी हों, मित्र हों या रिश्ते नाते, सभी की बुनियाद किसी न किसी स्वार्थ पर टिकी होती है। इसलिए अपने मित्रों का चयन ध्यान पूर्वक कीजिए, ताकि धोखा न खाएं।
आचार्य चाणक्य के इन पांच सफलता सूत्र के जरिए आप अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं, इन नीतियों को अपनाने से आपको पारिवारिक, व्यावसायिक और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है।