- हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का चौथा महीना होता है आषाढ़, चतुर्मास और संधि काल के नाम से भी प्रचलित है यह महीना।
- आषाढ़ के महीने में पड़ते हैं कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार, सूर्य और जल देव की होती है विशेष पूजा और उपासना।
- आषाढ़ के महीने से होती है वर्षा ऋतु की शुरुआत, विभिन्न रोगों के संक्रमणों का बढ़ जाता है खतरा।
हिंदू धर्म शास्त्रों में, हर एक महीने का अपना-अपना और विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना होता है जो ज्येष्ठ मास के पश्चात प्रारंभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास कई मायनों में बेहद खास माना जाता है। आषाढ़ के महीने में कई प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं तथा इस माह में देवशयनी एकादशी जैसे कई शुभ पर्व भी पड़ते हैं। इस महीने को संधि काल का महीना कहा गया है इसके साथ आषाढ़ का महीना कामना पूर्ति का महीना के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में सूर्य देव की विशेष उपासना से ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है।
कहा जाता है देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं इसीलिए चार महीनों तक कोई धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। चतुर्मास यानी आषाढ़ माह में सूर्य देव के साथ जल देव की उपासना भी की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में जल देव की पूजा करने से धन प्राप्ति का योग बनता है।
जानें, इस वर्ष कब से प्रारंभ हो रहा है चतुर्मास यानी आषाढ़ का महीना।
ashadha month 2021 date
आषाढ़ महीना 2021 प्रारंभ तिथि: - 25 जून 2021, शुक्रवार
आषाढ़ महीना 2021 समापन तिथि: - 24 जुलाई 2021, शनिवार
आषाढ़ महीने का महत्व, ashadha maas mahatva, ashadha month significance
कामना पूर्ति का महीना यानी आषाढ़ का महीना ज्येष्ठ और सावन महीने के बीच में पड़ता है। यह महीना धार्मिक पहलू के आधार पर बहुत विशेष माना जाता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं। इसके बाद 4 महीने तक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। जानकार बताते हैं कि हिंदू वर्ष के सभी महीनों के नाम चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होते हैं। चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस नक्षत्र के नाम से हिंदू वर्ष के महीनों का नाम रखा जाता है। ज्योतिष बताते हैं कि, आषाढ़ के महीने में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में मौजूद होता है, इसलिए इस महीने का नाम आषाढ़ रखा गया है। अगर इस महीने की पूर्णिमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पड़ती है तो यह एकादशी तिथि अत्यंत कल्याणकारी होती है। यह योग सर्वोत्तम माना जाता है और इस नक्षत्र में 10 विश्वदेवों की उपासना का विधान है।
यह महीना स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है क्योंकि आषाढ़ महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। जानकार बताते हैं कि वर्षा ऋतु में रोगों का संक्रमण बढ़ जाता है इसीलिए लोगों को आषाढ़ के महीने में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसे कई रोगों से सतर्क रहना चाहिए।