प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है और जब पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ ईश्वर को याद किया जाता है तो समस्याएं जरूर खत्म होती हैं। भगवान हनुमान प्रेम के भूखे हैं, उन्हें अगर निश्चल भाव से याद भी कर लें तो वह अपने भक्त के हर संकट को दूर कर देते हैं। बजरंगबली को लाग-लपेट पसंद नहीं। वह सीधे और सरल लोगों को ही पसंद करते हैं इसलिए अगर आप सच्चे मन से उनकी आरती कर लें तो उनके लिए इससे बड़ी पूजा कुछ और नहीं होती।
मंगलवार और शनिवार के दिन अगर आप प्रभू हनुमान की आरती करने लगें तो आपके कई संकट क्षण में दूर हो सकेंगे। हनुमान जी को सुमिरन कराना बहुत जरूरी होता है और ये आप उनकी आरती के जरिये कर सकते हैं। तो आइए उनकी आरती सुप्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर की आवाज में सुनकर और साथ में गा कर भगवान को प्रसन्न कर अपने दिन बहुरने का रास्ता खोलें।
श्री हनुमानजी आरती
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
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