नई दिल्ली: भगवान गणेश को हिंदू धर्म में विघ्नहर्ता कहा गया है जो हर विघ्न का नाश करते है। भक्तों के हर दुख-तकलीफ को वह दूर करते हैं। भगवान गणेश की महिमा शास्त्रों में काफी गई है। देवताओं में सबसे पहले उनकी पूजा होती है। भगवान गणेश का संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करने से जातक,भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही इसके पाठ के बाद कुछ उपायों से काफी लाभ होता है।
संकटनाशन स्तोत्र
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये ।1।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ।2।
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम ।3।
नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ।4।
द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो ।5।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम ।6।
जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्
संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय: ।7।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ।8।
इस पाठ को बुधवार के दिन करने से विशेष लाभ होता है। बुधवार का दिन भगवान गणेश का दिन माना गया है। जो लोग संकटनाशन स्तोत्र का पाठ रोजाना करते हैं उनके लिए यह काफी कल्याणकारी है। इस पाठ को करने के बाद आप ऊं गं गणपतये नम: का 108 बार जरूर जाप करें। फिर उसके बाद भगवान गणेश को मोदक,लड्डू या फिर कुश का भोग लगाए। ऐसा करने से गणपति काफी प्रसन्न होते है और अपने भक्तों की हर इच्छा को पूर्ण करते है।
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