- सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का है विशेष महत्व, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये अप्रैल महीने में आते हैं
- मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के दिन आदिशक्ति मां दुर्गा हुई थी प्रकट, किया था सृष्टि का निर्माण
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मा जी ने स्वयं बृहस्पति को बताया था चैत्र नवरात्रि का महत्व
Chaitra Navratri 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India: भारतीय जनजीवन में नवरात्रि का विशेष महत्व है। भगवत पुराण के अनुसार सालभर में चार नवरात्रि आती है, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो सार्वजनिक रूप से मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है, इसे रामनवरात्रि (Chaitra Navratri 2022 Start and End Date) भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सर्वप्रथम भगवान राम ने समुद्र तट के किनारे मां दुर्गा की उपासना कर लंका की चढ़ाई की थी। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और माता का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है। ब्रह्म पुराण में वर्णित एक कथा में कहा गया है कि स्वयं ब्रह्मा जी ने बृहस्पति को चैत्र नवरात्रि का महत्व बताया था।
Chaitra Navratri 2022 Start and End Date, चैत्र नवरात्रि 2022 कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल 2022, शनिवार से शुरू होकर 11 अप्रैल 2022, सोमवार तक है। प्रतिपदा तिथि 01 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 02 अप्रैल, शनिवार को सुबह 11 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। आइए जानते है इस दिन घट स्थापना का शुभ मुहूर्त।
Chaitra Navratri 2022 Date And Ghatsthapna Muhurat, चैत्र नवरात्रि 2022 तिथि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
- चैत्र नवरात्रि 2022 आरंभ – 02 अप्रैल 2022, शनिवार
- चैत्र नवरात्रि 2022 समाप्ति - 11 अप्रैल 2022, सोमवार
- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त – 02 अप्रैल, प्रात: 06:01 से 08:29 तक
- अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से 12:50 तक
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Chaitra Navratri Importance And Significance, चैत्र नवरात्रि का महत्व
होली के बाद चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दिन मां आदिशक्ति प्रकट हुई थी और ब्रह्मा जी के आग्रह पर सृष्टि का निर्माण किया था।