- हाथ में शस्त्र लिए व्यक्ति से लड़ाई जीवन पर पड़ेगा भारी
- राज जानने वाले व्यक्ति से लड़ाई की तो वो आपकी लंका ढा देगा
- मूर्ख और धनी व्यक्ति से उलझने पर पराजय होती है निश्चित
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र कहता है कि, व्यक्ति को शांति से जीवन बिताने के लिए कभी किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। हालांकि कई बार व्यक्ति जाने- अनजाने में कुछ लोगों से उलझ ही जाता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, विवाद और झगड़ा होना मानव जीवन का एक क्रम है, लेकिन व्यक्ति किसी के साथ उलझने से पहले उसके बारे में जानकारी हासिल कर ले तो बेहतर होता है। चाणक्य नीति कहती है कि शास्त्रों में वर्णित 5 प्रकार के लोगों से भूलकर भी व्यक्ति को कभी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए। इन लोगों से दुश्मनी में हमेशा नुकसान ही उठाना पड़ता है।
शस्त्र धारण करने वाला
आचार्य चाणक्य कहते है कि जिसके हाथ में शस्त्र यानी हथियार हो उससे कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए। क्योंकि क्राधित होने पर वह उसी शस्त्र से आप पर हमला कर सकता है। जिससे सामने वाले की जान भी जा सकती है।
राज जानने वाला
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी ऐसे लोगों से नहीं उलझना चाहिए, जो आपके राज जानता हो। क्योंकि कहते हैं कि विभीषण रावण के राज जानता था जो भगवान राम को बता दिए थे। इसी कारण से रावण युद्ध में मारा गया था। इसलिए अपनी लंका बचाने के लिए ऐसे व्यक्ति से न उलझें।
मूर्ख व्यक्ति
आचार्य के अनुसार, व्यक्ति को कभी मूर्ख व्यक्ति से नहीं लड़ना चाहिए। शास्त्रों में तो ऐसे लोगों से दोस्ती करना भी अच्छा नहीं माना गया है। आचार्य कहते हैं कि, जो व्यक्ति अपना ही हित या अहित नहीं समझ सकता वह आपका क्या समझेगा, इसलिए इनसे न उलझें।
धनी व्यक्ति
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी बहुत ही अमीर व्यक्त के साथ नहीं लड़ना चाहिए। क्योंकि वह अपने पैसे के बल पर कानून और न्याय को भी खरीद सकता है। आप अपनी जगह कितने भी सच्चे हों, लेकिन आपका जेल जाना तय होगा।
डॉक्टर
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक डॉक्टर जहां हमारे प्राणों की रक्षा कर सकता है, वहीं लड़ाई करने पर वह हमारे प्राण को कभी भी संकट में भी डाल सकता है। इसलिए कभी भी डॉक्टर के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)