- चाणक्य की नीतियां देती हैं जीवन के कई गूढ़ ज्ञान
- ये तीन नीतियां आपके दाम्पत्य जीवन को बनाएंगी खुशहाल
- रिश्ते में प्रेम, समपर्ण और सम्मान का होना जरूरी
Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई ऐसी बातें कही हैं जिन्हें समझकर और उन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप अपने आप को खुशहाल और बेहतर बना सकते हैं। चाणक्य की इन नीतियों को अपनाकर ही चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए थे। तो फिर आप और हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। आज हम आपको चाणक्य की ऐसी तीन नीति बताएंगे जिसे अपनाकर आप अपना दाम्पत्य जीवन बेहतर बना सकते हैं। अगर आप इन नीतियों का ध्यान रखेंगे तो आपका रिश्ता मजबूत बना रहेगा। और आपके दांपत्य जीवन में बढ़ रही मुश्किलें कम हो जाएंगी।
प्रेम
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि प्रेम हर रिश्ते की अहम कड़ी है। अगर रिश्ते में प्रेम की कमी होगी तो रिश्ता की डोर भी कमजोर होने लगती है। इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि, रिश्ते में प्रेम की कमी न होने पाए। कहा जाता है कि, महिलाएं प्रेम की भूखी होती हैं, अगर आप अपनी पत्नी के साथ प्यार से बात करेंगे तो वह आपके जीवन को खुशहाल बनाए रखेगी।
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समर्पण
आचार्य चाणक्य की दूसरी नीति के अनुसार, किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए उसमें समर्पण होना बहुत जरूरी है, रिश्ते में समर्पण नहीं होगा तो मजबूती भी नहीं होगी। इसलिए आपसी रिश्ते में समर्पण की भावना बनाए रखें। समर्पण का मतलब यह है कि, आप पत्नी के प्रति ईमानदार रहें, छोटी से छोटी बात भी अपनी पत्नी से न छुपाए। उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखें।
आदर और सम्मान करें
चाणक्य के तीसरी नीति के अनुसार दाम्पत्य जीवन में आदर और सम्मान की कमी नहीं होनी चाहिए। स्त्री हो या पुरुष, रिश्ते में दोनों सम्मान के हकदार हैं। आप एक दूसरे का सम्मान करें। दूसरों के सामने अनादर न करें। अगर आपको दूसरे की कोई बात बुरी भी लगी तो उस बात को लेकर नीचा दिखाने की कोशिश न करें। ध्यान रखें कि आप जितना दूसरे का सम्मान करेंगे, उतना सम्मान पाएंगे।