चाणक्य नीति: चाणक्य की नीतिया सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य ने प्राचीन समय में जो बातें कहीं वो आज भी बहुत प्रासंगिक हैं। कहा जाता है कि चाणक्य की नीतियों का पालन करने और उन्हें जीवन में उतारने वाला व्यक्ति बहुत सफल होता है और तरक्की के रास्ते अपने आप खुलते जाते हैं। चाणक्य नीति का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है और हर देश के लोग इससे शिक्षा ग्रहण करते हैं।
आचार्य चाणक्य मौर्य वंश के राजा चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। उन्होंने चंद्रगुप्त को अपनी नीतियां सीखायी जिसके दम पर चंद्रगुप्त ने नंद वंश को समाप्त करके मौर्य वंश की स्थापना की। सिर्फ इतना ही नहीं चाणक्य ने अपनी नीतियों से ही विदेशी शासक सिकंदर के आक्रमण से भारत की रक्षा की। चाणक्य की नीतियां उस समय में जितनी व्यावहारिक और महत्वपूर्ण थीं, उतनी ही आज भी हैं। आइये जानते हैं चाणक्य की कुछ महत्वपूर्ण नीतियां...
मन का पाप धोना मुश्किल
चाणक्य नीति के अनुसार जिस व्यक्ति के मन में पाप बैठा होता है वह उसे अधिक दिनों तक नहीं छिपा सकता। ऐसा व्यक्ति चाहे कितना भी ईमानदार होने का दिखावा कर ले लेकिन उसका मन ठीक वैसे ही नहीं शुद्ध हो पाता जैसे कि बर्तन में रखी गई शराब आग में झुलसने के बाद भी पवित्र नहीं होती है।
अज्ञानी मनुष्य धरती पर बोझ
चाणक्य ने कहा कि जिस व्यक्ति के अंदर दया, गुण, शील, तप और ज्ञान नहीं है, उस व्यक्ति का धरती पर होना व्यर्थ है। अज्ञानी मनुष्य धरती पर बोझ के समान है। इन गुणों से रहित व्यक्ति को जीने का हक नहीं है।
खर्चीला व्यक्ति होता है झगड़ालू
चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति व्यर्थ खर्च करता है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता है वह व्यक्ति झगड़ालू और लालची प्रवृत्ति का होता है। ऐसा व्यक्ति स्त्रियों का सम्मान नहीं करता और उन्हें प्रताड़ित करता है। लालची व्यक्ति का जल्द ही नाश हो जाता है। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए।
ईमानदार व्यक्ति बढ़ता है आगे
चाणक्य ने कहा है कि जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है और लेन-देन, धन धान्य का लेखा जोखा बराबर रखता है वह व्यक्ति जीवन में बहुत आगे जाता है। ऐसा व्यक्ति हर तरह की बाधाओं को पार कर लेता है और दूसरों को भी अच्छी सीख देता है।
दान का गुण सबसे उत्तम
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति में दान का गुण स्वयं उत्पन्न होता है। जो व्यक्ति दीन दुखियों की सेवा करता है और जरुरतमंदों को दान देता है और अपने जीवन में सुखद अनुभूति होती है।
चाणक्य की इन नीतियों को अपने जीवन में उतारकर कोई भी व्यक्ति सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकता है और अपने जीवन को सुखमय बना सकता है।