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chandra darshan Puja Vidhi: जानिए चंद्र दर्शन का मतलब और क्या है इस दिन की सही पूजन विधि

Updated Apr 13, 2021 | 17:42 IST

हर महीने अमावस्या की तिथि आती है और अमावस्या के बाद जब पहली रात चांद दिखता है तो उसे चंद्र दर्शन के रुप में हर महीने मनाया जाता है। इस दिन चंद्र देवता की पूजा करना और व्रत रखना भी काफी फलदायक होता है।

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Chandra Darshan Pooja Vidhi
मुख्य बातें
  • अमावस्या के बाद आने वाली पहली रात को चंद्र दर्शन मनाया जाता है
  • चंद्र देवता की पूजा करने से जीवन के सारे दुख खत्म हो जाते हैं
  • चंद्र देवता की पूजा करना और व्रत रखना काफी फलदायक होता है

2021 चैत्र के महीने में चंद्र दर्शन 13 अप्रेल के दिन है। इस दिन चंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। चंद्र दर्शन के दिन सूर्यास्त के बाद चंद्रमा के दर्शन करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन का हर सुख प्राप्त होता है।

चंद्रमा का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

चंन्द्रमा को ज्ञान, बुद्धि और मन का स्वामी ग्रह माना गया है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा नीच या अशुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी कुंडली वाले लोग यदि चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देवता की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं तो इस तरह के ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को मानसिक शांति का भी अनुभव होता है। 

चंद्र दर्शन की पूजा विधि

इस दिन शाम को चंद्र देवता की पूजा करें।
पूजा करते समय चंद्र देवता को अर्घ्य, रोली और तिलक फूल आदि अवश्य अर्पित करें।
पूजा के समय चंद्र देवता के इस मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप जरुर करें।

चंद्र दर्शन की पूजा मंत्र 

ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात ।।

चंद्र दर्शन की पूजा करने से चंद्र देवता के साथ-साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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