- साईं बाबा की विशेष पूजा गुरुवार के दिन की जाती है
- साईं के अनुष्ठान में सुबह से शाम तक की पूजा शामिल होती है
- मनुष्य को साईं की पूजा हमेशा निर्मल और साफ मन से करनी चाहिए
साईं बाबा के दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गरुवार के दिन विधिवत उनका अनुष्ठान करना चाहिए। साईं पूजा जीवन को गतिशील बनाती है और मन को शांति और आत्मविश्वास से भरती है। साईं बाबा अपने भक्तों को उनकी समस्याओं का सामना करने और जीवन की बाधाओं को हराने में मदद करते हैं। साईं की पूजा बेहद सादगी से की जाती है और यही कारण है कि साईं को यदि सच्चे और निर्मल मन से कोई याद भी कर ले तो वह उस पर अपना आशीर्वाद जरूर बरसाते हैं। वह अपने भक्तों को कभी अकेला महसूस नहीं कराते। साईं की पूजा करने वाले भक्त हमेशा अपने साथ साईं की मौजूदगी को महससू करते हैं और इससे उनके अंदर आत्मविश्वास आता है और वे सफलता की ओर अग्रसर होते हैं।
ऐसे करें साईं की आराधना
साईं पूजा एक बहुत ही सरल अनुष्ठान है। साईं बाबा की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष दीया जलाएं। दीया हमेशा दो जलाएं। एक दीया विश्वास और दूसरा दीया धैर्य का होता है। इसके बाद धूप-अगरबत्ती जला कर सतचरित्र से कुछ पंक्तियों का पाठ कर लें। दोनों दीपों को सुबह या शाम या दोनों समय जला सकते हैं। दीपक का महत्व भक्त के पिछले पापों को जलाने से माना गया है। शनिचरित्र से साईं बाबा के जीवन की कहानिया पढ़ें और हर दिन कम से कम एक अध्याय जरूर पढ़ें। साईं बाबा के 108 नामों का जाप करें। इसके बाद साईं के मंत्र को जपें।
"ओम् साईं नाथाय नमः","ओम् साईं श्री साईं जय जय साईं"।
पूजा में साईं बाबा को जल, फल, फूल, दूध व उनका प्रिय प्रसाद चढाएं। पूजा समाप्त होने के बाद साईं से अपने मन की आस या व्यथा कहें।
जानें, साईं बाबा पूजा अनुष्ठान की विधि
काकड़ आरती: काकड़ आरती सुबह 5 बजे दीपदान करने के बाद की जाती है। मक्खन और चीनी से बना प्रसाद साईं बाबा को चढ़ाया जाता है। इस समय पांच दीये जलाए जाते हैं। आरती समापन के बाद सत्चरित्र का पाठ करें।
अभिषेकम: साईं बाबा की मूर्ति के लिए अभिषेकम सुबह 8 बजे किया जाता है। अभिषेकम में साईं बाबा के चरणों में 9 बार पीले चावल और जल का मिश्रण चढ़ाया जाता है। अभिषेकम के दौरान विष्णुसहस्त्रनाम स्तोत्र, रुद्रम या पुरुष सूक्तम का जाप करना चाहिए। अभिषेकम के दौरान सबसे पहले दूध को चढ़ाया जाता है,उसके बाद नारियल,नारंगी का रस,दही, गुलाब जल और गंगाजल अर्पित किया जाता है।। अभिषेकम के बाद साईं बाबा की प्रतिमा पर माला और वस्त्र अर्पित किया जता है। प्रतिमा पर सिंदूर और चंदन का लेप लगाया जाता है और फिर एक नारियल को तोड़कर प्रतिमा के दोनों ओर रख दें।
मध्याह्न आरती: मध्याह्न आरती लगभग 1 बजे की जाती है। इसमें साईं को बैंगन,चावल,चपाती का भोग लगाया जाता है। इसके बाद आरती करें और साईं शनिचरित्र का पाठ करें।
धूप आरती: शाम के समय साईं की धूप आरती की जाती है। इसके बाद साईं के निम्न मंत्र का जाप कर प्रसाद चढ़ाकर ध्यान लगाया जाता है।
ओम साईं राम, ओम साईं रामौं सनाथाय नमः।
साईं पूजा जीवन को गतिशीलता प्रदान करती है। इससे जीवन में मानिसक शांति और सुख-समृद्धि का वास होता है। साईं की पूजा हमेशा साफ मन से करनी चाहिए।