- 20 अगस्त को शुरु होने वाला है मुहर्रम
- चांद दिखने के आधार पर बदल सकती है तारीख
- कोरोना महामारी को देखते हुए शिया लॉ बोर्ड ने जारी की गाइडलाइन
नई दिल्ली: मुहर्रम इस्लामिक नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह करबला में शहीद इमाम हुसैन, पैगंबर मुहम्मद के पोते, उनके परिवार और साथियों की याद में मुसलमानों के बीच शोक के रूप में मनाया जाता है। मुहर्रम को शिया मुसलमानों के समुदाय द्वारा हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने और शोक व्यक्त करने का काल माना जाता है, जो मुहर्रम की पहली रात से शुरू होता है और अगले 2 महीनों और 8 दिनों तक जारी रहेगा।
इसके पहले दस दिनों को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। दसवें दिन को आशुरा के नाम से जाना जाता है और इस दिन शिया मुसलमान जुलूस निकालते हैं व सड़कों पर नंगे पैर चलते हैं और हुसैन की याद में मातम मनाते हैं।
मुहर्रम 2020 तारीख (Muharram 2020 Date):
इस साल मुहर्रम का महीना 20 अगस्त से शुरू होगा और 18 सितंबर को समाप्त होगा (तिथियां चांद दिखने के आधार पर अलग हो सकती हैं)। 10 वां दिन आशुरा 29 अगस्त को मनाया जाएगा।
मुहर्रम 2020 का महत्व (Significance of Muharram):
दुनिया भर में शिया और सुन्नी दोनों ही मुसलमान मुहर्रम महीने के 10 वें दिन आशुरा मनाते हैं। शिया मुसलमान मस्जिदों और अपने घरों में भी विशेष प्रार्थना आयोजन में जाते हैं। यह उस दिन का प्रतीक है जब पैगंबर मुहम्मद के पोते हुसैन इब्न अली कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे।
आशूरा शिया मुसलमानों में तीर्थयात्रा के लिए एक प्रमुख पवित्र दिन माना जाता है। साथ ही कुछ सुन्नी मुसलमान भी इस दिन उपवास करते हैं हालांकि यह अनिवार्य नहीं है।
देश भर में इस साल के जुलूसों के लिए दिशानिर्देश (Guidelines for Muharram):
- ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) ने अपनी मुहर्रम एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से सामाजिक दूरी के सभी मानदंडों का पालन करने, मास्क पहनने और जहां भी संभव हो, ऑनलाइन या टीवी प्रसारण के माध्यम से मुहर्रम की रस्मों में भाग लेने के लिए कहा गया है।
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को सलाह दी गई है कि वे घर पर रहें और ऑनलाइन और अन्य माध्यमों का उपयोग करें।
- बोर्ड अध्यक्ष मौलाना सैयद सईम मेहदी और महासचिव मौलाना यासूबा अब्बास द्वारा जारी 14-सूत्रीय सलाह में कहा गया है कि कालीन और फर्श कवर वाली सभी मस्जिदों और इमामबाड़ों को हर मजलिस से पहले और बाद में सैनेटाइड किया जाएगा।
- गरीबों में वितरित किए गए पानी और भोजन को पैक और सील करते हुए प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन होना चाहिए।