- देवी दुर्गा जगत पालनकर्ता हैं और संहार करने वाली भी
- देवी दुर्गा की पूजा से नौ देवियों का आशीर्वाद मिलता है
- देवी के मंत्र का जाप शाम के समय हवन के साथ करें
देवी दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं और नौ दुर्गा इनकी ही अंश मानी गई हैं। इसलिए देवी दुर्गा की पूजा करने से नौ देवियों का आशीर्वाद आपने आप प्राप्त होता है। देवी दुर्गा सभी जीवों की रक्षा करने वाली है। देवी में सृष्टि का जहां संहार करती हैं, वहीं पालन करने करने की शक्ति भी उनमें बहुत है। देवी अपने भक्तों के लिए विशेष कृपा रखती हैं और जो भक्त सदमार्ग पर चलते हुए गरीब और दीन दुखियों की मदद करते हैं, उनपर वह विशेष कृपा करती हैं। इसलिए देवी की पूजा करने के साथ आपको दान-पुण्य भी करना जरूरी है। साथ ही शुक्रवार के दिन यदि आप देवी के कुछ चमत्कारिक मंत्रों का जाप निश्चित संख्या में करें तो उसके लाभ आपको तुरंत नजर आएंगे।
मंगल प्राप्ति के लिए
यदि आपके घर में अशुभता का वास है या नकारात्मक शक्तियों का वास बढ् गया है तो आपको शुक्रवार के दिन देवी की सुबह पूजा करने के बाद शाम को सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र की जप संख्या 10000 होनी चाहिए और हवन संख्या 3100। हवन करने के लिए घी और कमल गट्टा होना जरूरी होगा।
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।
मोक्ष प्राप्ति के लिए
जिन लोगों को मोक्ष और ईश्वर में विलिन होने की आस है, उन्हें देवी के नीचे लिखे मंत्रों को कम से कम 2100 जाप करना होगा और हवन संख्या 101 होनी चाहिए। हवन सामग्री घी।
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।
भक्ति की प्राप्ति के लिए
कई बार ऐसा होता है कि ईश्वर के प्रति मनुष्य की श्रद्धा तो होती है, लेकिन उसका भक्ति भाव कम होता है। वह रोज पूजा-पाठ के लिए समय नहीं दे पाता। ऐसे में नीचे लिखें मंत्र को कम से कम 5000 बार जपना होगा और हवन संख्या 2100 होनी चाहिए। हवन में घी और शहद का प्रयोग करें।
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
महामारी विनाश के लिए
यदि आप किसी महामारी के चपेट में हैं अथवा महामारी आस-पास फैली हुई है तो आपको देवी के नीचे लिखे मंत्र को कम से कम 2100 जपना होगा और हवन संख्या 1000 होनी चाहिए। हवन में घी और चंदन होने चाहिए।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपलिनी।।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
विपत्ति नाश के लिए
यदि किसी संकट ने आपके या आपके परिवार पर धावा बोल दिया है तो आपको देवी शक्ति के इस मंत्र का जाप 5000 करना होगा और हवन संख्या 1000 होनी चाहिए। हवन में घी का प्रयोग करें।
शरणागतदीनार्थपरित्राण परायणे।
सर्वस्तयार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
शत्रु विनाश के लिए
यदि घर-परिवार पर शत्रुओं का बल बढ़ रहा या आपके दुश्मनों की संख्या बढ़ती जा रही तो आपको नीचे लिखे मंत्र को कम से कम 10,000 बार जपना होगा और हवन संख्या 5000 होनी चाहिए। हवन में काली मिर्च और घी का प्रयोग करें।
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरी विनाशनम्।।
भय नाश के लिए
अनचाहे भय और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचने के लिए आपको देवी के नीचे लिखे मंत्र का मंत्र जप 5000 बार करना होगा और हवन संख्या 2100 होनी चाहिए। हवन में घी का प्रयोग करें।
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते।भयैभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते।।
सर्वबाधा मुक्ति के लिए
किसी भी तरह की बाधाओं से आप जूझ रहे हों, यदि देवी के नीचे लिखे मंत्र जप लें तो आपके हर संकट दूर हो जाएंगे। इस मंत्र को कम से कम 5000 बार जपें और हवन संख्या 1100 होनी चाहिए। हवन में सरसों व घी का प्रयोग करें।
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
मनोनुकूल पत्नी पाने के लिए
यदि आप मनचाही पत्नी चाहते हैं तो आपको देवी के इस मंत्र का जाप 3000 बार करना होगा और हवन संख्या 1000 होनी चाहिए। हवन में घी का प्रयोग करें।
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणी दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।
तो देवी के ये मंत्र आपकी समस्यओं को भी दूर करेंग और आपकी मनचाही इच्छा भी पूरी करेंगे।