- इमरजेंसी और चुनाव हारने के बाद आशीर्वाद लेने पहुंची थीं इंदिरा गांधी
- आशीर्वाद के लिए दिखाए हाथ से प्रभावित होकर पंजा बना लिया था चुनाव चिन्ह
- देवराहा बाबा की उम्र को लेकर हैं आश्चर्यचकित करने वाले दावे
हमारे देश में ना जाने कितने महान संतों ने जन्म लिया हैं। जिनमें से सिद्धि योग शक्तियों से संपन्न ने 250 साल तक जिंदा रहने वाले देवराहा बाबा है। ऐसा कहा जाता हैं कि देवराहा बाबा 250 साल से भी अधिक दिनों तक जीवित थे। उनकी उम्र का रहस्य आज भी दुनिया में बना हुआ है। बाबा ने ना जाने कितने लोगों के दुखों का निवारण किया है। ऐसा कहा जाता है, कि बाबा बिना खाना खाएं रहते थे।
बाबा ज्यादातर मथुरा में यमुना नदी के किनारे लकड़ियों से बनी हुई एक मचान पर बैठकर योग में लीन रहा करते थे। देवराहा बाबा गौ सेवा को बहुत महत्व देते थे। वह अपने भक्तों को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा, गौ माता की रक्षा करने तथा भगवान की भक्ति में लीन रहने को हमेशा कहा करते थे।
बाबा शुद्ध, ईमानदारी तथा सात्विकता पर बहुत जोर देते थे। उनका मानना था कि बिना भगवान के बिना कुछ भी संभव नहीं है। वे कहते थे कि श्री कृष्ण और श्री राम की धरती पर होने के कारण हमारा देश बहुत ही पवित्र हैं। देश की रक्षा के प्रति अपने भक्तों को हमेशा वह शिक्षा दिया करते थे। उन्होंने कई सालों तक हिमालय में तपस्या की थी। बाबा अपनी योग शक्तियों से अपने भक्तों के अंदर चल रहे दुखों को जानकर उनका निवारण कर देते थे।
तो आइए जाने देवराहा बाबा की कहानी।
देवराहा बाबा की कहानी:
देवराहा बाबा बहुत बड़े संत थे। उन्होंने ना जाने कितने लोगों की पीड़ा को दूर किया है। सच माने तो वह एक भगवान का अवतार थे। इसलिए उनका नाम बहुत सम्मान और आदर पूर्वक लिया जाता है। जब हमारे देश में जब आपातकालीन की घोषणा की गई थी, उस वक्त श्रीमती इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं। उस दौरान वह देवराहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई थी।
बाबा ने अपने हाथों के पंजे से उन्हें आशीर्वाद दिया था और वहां से वापस आने के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी कांग्रेस पार्टी के चुनाव का चिन्ह पंजा छाप निर्धारित किया था। 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी काफी बहुमत से जीत हासिल की थी। जीत हासिल करने के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी।
ऐसी मान्यता है कि बाबा के आशीर्वाद की वजह से ही उन्हें यह सफलता प्राप्त हुई। आपको बता दें कि देवराहा बाबा देवरिया जिला के रहने वाले थे। लोगों के अनुसार 19 जून सन् 1990 में योगिनी एकादशी के दिन उन्होंने अपना प्राण त्याग दिया था। लेकिन उनकी मरने की यह खबर आज भी स्पष्ट नहीं हो पाई हैं।
लोगों का मानना हैं कि वह 250 साल से भी अधिक दिनों तक जीवित थे। देवराहा बाबा को लेकर कितनी बार हिमालय की चोटियों में उड़ते हुए देखने के दावे सामने आ चुके हैं। अगर आपके भी मन में कुछ मनोकामना हैं, तो देवराहा बाबा की तस्वीर के आगे श्रद्धा पूर्वक उनका स्मरण करें। यकीन मानिए सच्चे मन से स्मरण करने से देवराहा बाबा आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करेंगे।