- गायत्री मंत्र का जाप करने से मिलती है तन-मन को शांति
- पापों से मुक्त हो जाता है इंसान
- गायत्री मंत्र का जाप करने वालों को नहीं करनी चाहिए ये 5 गलतियां
Gayatri Mantra: हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र के जाप का विशेष महत्व बताया गया है। ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वालों की जुबान पर ये मंत्र हमेशा रखा रहता है। शास्त्रों के जानकार कहते हैं कि गायत्री मंत्र के नियमित उच्चारण से आप अपने क्रोध पर काबू पा सकते हैं। इस चमत्कारी मंत्र में इंसान के सारे पापों को नष्ट करने की क्षमता होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, गायत्री मंत्र का जाप करने वाले अक्सर जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे बचना चाहिए। आइए आज आपको बताते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप करने वालों को कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
मंत्र जाप करने का सही समय
गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जा सकता है। यदि आप इस घड़ी से पहले या इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप कर रहे हैं तो इसका लाभ आपको नहीं मिलेगा।
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रात में जाप करने से बचें
आप मौन रहकर भी गायत्री मंत्र का मानसिक जाप कर सकते हैं। लेकिन ख्याल रखें कि इस मंत्र को रात में जपने से बचना चाहिए। रात में गायत्री मंत्र का जाप करने से इसके परिणाम उल्टे मिलने लगते हैं।
काले कपड़े पहनकर मंत्र जाप- गायत्री मंत्र हमेशा स्नानादि के बाद पीले वस्त्र पहनकर करना चाहिए। कभी भी काले या गहरे रंग के वस्त्र धारण करके गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
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इस दिशा की ओर ना रखें मुंह
गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपका मुंह कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जाप करना उत्तम माना जाता है।
इन चीजों का ना करें सेवन
मांस, मछली या मदिरा पान का सेवन करने के बाद कभी भी गायत्री मंत्र का जाप ना करें। ऐसा करने वालों को जीवन में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)