- विजय दशमी या दशहरा पर शमी पूजन माना गया है लाभदायक।
- दशहरा पर शमी पूजन करने से मिलती है विभिन्न क्षेत्रों में सफलता।
- शमी पूजन के बाद उपाय करना है बेहद आवश्यक।
Dussehra 2021 Shami Pujan Vidhi In Hindi: पूरे भारत में विजय दशमी या दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने अंदर उपजे बुराइयों पर विजय प्राप्त करने का संकल्प लेते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों में दशहरा का पर्व लोक परंपराओं के मुताबिक मनाया जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में इस दिन शस्त्र पूजा एवं शमी वृक्ष पूजा की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, दशहरा पर शमी पूजन करने से विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता दूर होती है। दशहरा पर शमी पूजन करने पर विशेष महत्व दिया जाता है। यहां जानें विजय दशमी का दशहरा पर शमी पूजन कैसे करना चाहिए।
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शमी वृक्ष पूजन की पूजा विधि
शमी वृक्ष पूजन के लिए सनातन धर्म में प्रदोष काल उत्तम माना गया है। विजयदशमी पर प्रदोष काल में शमी के पेड़ को प्रणाम करना चाहिए और गंगाजल या नर्मदा जल या किसी भी पवित्र नदी का जल शमी के पेड़ को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद, शनि देव के लिए दीपक जलाना चाहिए और पेड़ के नीचे सांकेतिक शस्त्र रखकर धूप, दीप व नैवेद्य से आरती करना चाहिए। इसके पश्चात इस दिन पंचोपचार व षोडषोपचार पूजा करना भी लाभदायक माना गया है। पूजा करने के बाद लोगों को हाथ जोड़कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
शमी शम्यते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी।।
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता।।
पूजा के बाद करें यह उपाय
शमी वृक्ष पूजन करने के बाद अगर शमी के पेड़ के नीचे पत्तियां गिरी हुई हैं तो उन्हें एकत्रित कर लें। इन पतियों को लाल कपड़े में बांधकर हमेशा के लिए अपने पास सुरक्षित रख लें। याद रहे कि आपको गिरी हुई पत्तियों को उठाना है। इस दिन शमी के पेड़ की पत्तियों को तोड़ने से बचें। मान्यता के अनुसार, ये उपाय करने से शत्रु परास्त होते हैं।