- हर पूजा की शुरुआत श्री गणेश पूजन से होती है
- पूजन में गणेश जी की आरती का भी महत्व है
- गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा अर्चना करने से सभी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाते हैं। घर में किसी भगवान की पूजा हो, लेकिन उसमें गणेश जी की आरती जरूर की जाती हां। अगर उनकी आरती ना की जाए, तो वह पूजा सफल नहीं मानी जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि गणपति बप्पा की आरती करने से सभी भगवान भी प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
गणेश जी की आरती करने से घर में न केवल नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है, बल्कि सद्बुद्धि भी आती है। अपने कार्यों की सफलता और अच्छी बुद्धि प्राप्त करने के लिए आप यहां लिरिक्स के साथ देख कर पढ़ सकते हैं, गणेश जी की आरती।
गणेश आरती के बोल :
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अंधे को आंख देत कोढिन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।
'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
बता दें कि गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से पुकारा जाता है। अगर बप्पा नाराज हो जाए, तो कोई भी पूजा सफल नहीं हो सकती हैं। उनकी प्रशंसा सभी संकट और परेशानियों को दूर करने का काम करता है।