- गणपति जी का सिर सफलता पाने की सीख देता है
- भगवान के पैर लक्ष्य भेदने की सीख देते हैं
- गणेश जी की आंखें दूरदर्शी बनने की सीख देते हैं
Ganesh Chaturthi: भादों की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश चतुर्थी के नाम से जानी जाती है। इस दिन गणपति जी का जन्म हुआ था। गणपति के सिर पर हाथी का मुख बचपन से नहीं था। यह मुख बाद में शंकर जी ने तब लगाया था जब, वह एक बार क्रोध में गणपति जी का सिर काट दिए थे।
क्या आप जानते हैं कि उनके शरीर का हर एक अंग इंसान को कुछ न कुछ सीख देता है। जी हां, गणेश जी का स्वरुप बहुत निराला है और उनके इस स्वरुप से मनुष्य को जीवन जीने की सीख मिलती है। गणेश जी के हर अंग के साथ उनकी सवारी मनुष्य को बहुत कुछ सीखाती है। यदि मनुष्य इन चीजों को समझ ले तो उसका जीवन सुखमय हो सकता है।
भगवान गणपति के स्वरूप से मनुष्य को क्या सीख मिलती है
- गणपति जी का सिर सबसे बड़ा और भारी है और ये सिर सफलता की सीख देता है। बड़ा सिर बताता है कि इंसान को सफलता हासिल करने के लिए हमेशा बड़ी सोच के साथ काम करना चाहिए। सोच बड़ी होगी तो सफलता का दायरा भी बड़ा होगा।
- गणपति जी के बड़े-बड़े दो कान मनुष्य को बताते हैं कि किसी की बात या सीख को बहुत ही ध्यान से सुनना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि दूसरों से आप उसकी हर अच्छी बातों को ग्रहण कर उसे अपने जीवन में उतार सकें।
- गणेशजी की आंखें हमें ये सीख देती हैं कि हर कार्य और परिस्थिति को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, बल्कि इस पर सूक्ष्म दृष्टि रखनी चाहिए। उनकी आंखे दूरदर्शिता का प्रतीक हैं। दूरदर्शिता इंसान की सफलता की गुंजाइश को बढ़ा देती है। जो भी इंसान किसी कार्य को लेकर दूरदर्शी रवैया अपनाते हैं उनके असफल होने की संभावना उतनी कम होती जाती है।
- गणेशजी के छोटे पैरों हमें धैर्य बनाए रखने की सीख देते हैं। उनके छोटे पैर ये सीख देते हैं कि हमेशा लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। भले ही आपके पास सुविधाएं छोटी या कम हों, लेकिन आपका लक्ष्य पाने की इच्छा आपको हमेशा विजयी बनाती है।
तो गणपति जी की स्वरूप से आप भी सीख लेकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लग जाएं।