- इस वर्ष 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है गणेशोत्सव।
- गणेश चतुर्थी पर हुआ था श्री गणेश का जन्म।
- इस दिन श्री गणेश के प्रभावशाली मंत्रों का करें जाप।
Ganesh Chaturthi Mantra 2021: परम पूज्य देवता श्री गणेश अपने भक्तों के प्रति बेहद दयालु हैं। श्री गणेश अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और उनके जीवन में आ रहे विघ्नों को दूर करते हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता श्री गणेश कहा गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मध्याह्न काल में श्री गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए हर वर्ष इस दिन गणेश चतुर्थी के रुप में श्री गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इसी दिन से गणेशोत्सव प्रारंभ होता है जो 11 दिन तक चलता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। इस दिन से श्री गणेश की उपासना भी प्रारंभ हो जाती है। पारंपरिक विधि के अनुसार गणेशोत्सव में भगवान श्री गणेश के मंत्र का जाप करना चाहिए। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश के प्रभावशाली मंत्रों का जाप करने से भक्तों का जीवन मंगलमय और सुखमय बनता है।
भगवान गणेश का मुख्य मंत्र
गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा के मुख्यमंत्री 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में आ रहे तमाम विघ्न दूर हो जाते हैं।
श्री गणेश का षडाक्षर विशिष्ट मंत्र
श्री गणेश के षडाक्षर विशिष्ट मंत्र 'वक्रतुण्डाय हुं' का जाप अवश्य करें। मान्यताओं के अनुसार यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। इस मंत्र का जाप करने से किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
रोजगार और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मंत्र
अगर भक्तों के जीवन में रोजगार तथा आर्थिक तंगी की समस्या रहती है तो उन्हें 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' मंत्र का जाप करना चाहिए।
विवाह और योग्य जीवनसाथी पाने के लिए मंत्र (त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र )
अगर आपके विवाह कार्यों में कोई ना कोई अड़चनें आ जाती हैं तो आपको त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति भी होती है।
नकारात्मकता से मुक्ति पाने के लिए मंत्र
अगर आपके अंदर और आपके आसपास नकारात्मक शक्तियों का वास है तो 'ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा' का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से संकट, आलस्य, कलह, निराशा आदि दूर हो सकते हैं.