- घर पर किसी परिजन के मृत्यु पश्चात सुना जाता है गरुड़ पुराण
- गरुड़ पुराण का पाठ कराने के मृतक की आत्मा को मिलती है शांति
- परिजन के मृत्यु के चौथे दिन से13 वें दिन तक कराया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ
Garuda Purana Path Importance: हिंदू धर्म में घर पर यदि किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है तो पूरे 13 दिनों तक शोक मनाया जाता है। मृत्यु के चौथे दिन से गरुड़ पुराण का पाठ भी कराया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है और मृतक की आत्मा सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर परलोक गमन करती है। गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ग्रंथ है, जिसमें जीवन से लेकर मृत्यु तक का वर्णन किया गया है। इसमें कुल 279 अध्याय और 19 हजार श्लोक हैं। गरुड़ पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि किसी ने जन्म लिया है तो उसे एक न एक दिन अपने शरीर त्याग कर वापस जाना पड़ता है। जानते हैं आखिर क्यों किसी परिजन के मृत्यु पश्चात कराया जाता है गरुड़ पुराण का पाठ।
मृत्यु पश्चात इसलिए सुना जाता है गरुड़ पुराण
मान्यता है कि जब घर पर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो मृतक की आत्मा पूरे 13 दिनों तक अपने घर पर ही रहती है। इसलिए यह पाठ पुरोहित द्वारा मृतकों को सुनाया जाता है। क्योंकि वे जिस मार्ग जा रहे हैं उसके बारे में उन्हें जानकारी हो और वहां जाने में उन्हें कोई समस्या ना हो। इसलिए मृतकों को भी गरुड़ पुराण का पाठ सुनाया जाता है। पितरों के साथ-साथ इस पाठ को परिजन भी सुनते हैं। क्योंकि मृत्यु पश्चात परिवार का पूरा माहौल शोकाकुल होता है। इस पाठ को सुनने से परिजनों को कष्ट सहने की शक्ति मिलती है। गरुड़ पुराण में स्वर्ग, नरक, पाप, पुण्य, नीति, नियम और धर्म से जुड़ी बातों का वर्णन मिलता है।
गरुड़ पुराण के पाठ से मृतक के आत्मा को मिलती है शांति
गरुड़ पुराण में कुल 19 हजार श्लोक हैं जिसमें 7 हजार श्लोक में ज्ञान, धर्म, नीति, रहस्य, व्यवहारिक जीवन, आत्मा, स्वर्ग, नरक और अन्य लोको का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है और वे सद्गति को प्राप्त करते हैं। गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मृतक की आत्मा मोह माया से मुक्त हो जाती है और सांसारिक संताप का त्याग कर पितर लोक चली जाती है।
गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मृतकों को प्रेत बनकर भटकना नहीं पड़ता बल्कि उनका जन्म मनुष्य योनि में होता है। इसलिए हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु पश्चात घर पर गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)