- आषाढ़ माह की पूर्णिमा का खास महत्व होता है।
- 5 जुलाई यानी आज इस महीने का धार्मिक दृष्टि से खास दिन है।
- आषाढ़ माह की पूर्णिमा को चांद पूर्वाषाढ़ या उत्तराषाढ़ नक्षत्र में होता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा (Ashadha Purnima) का खास महत्व होता है। 5 जुलाई यानी आज इस महीने का धार्मिक दृष्टि से खास दिन है। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) में गुरु की पूजा करने का महत्व होता है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को चांद पूर्वाषाढ़ या उत्तराषाढ़ नक्षत्र में होता है। पूर्णिमा तिथि पर सूर्योदय के समय स्नान दान का भी महत्व है। आइये जानें आषाढ़ पूर्णिमा के खास उपाय जिससे जीवन सुखमय रहेगा और अनंत पुण्य की प्राप्ति होगी...
- आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद भरवान विष्णु की विधि पूर्वक धूप दीप आदि से पूजा करें।
- पूजा के दौरान विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करें- 'ऊं नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्'।
- शाम के समय में चंद्रदेव को अर्घ्य दें। ऐसा करने से परिवार में हमेशा धन संपदा की वृद्धि होती है।
- घर में सुख समृद्धि बनाए रखने के लिए अपने घर के मंदिर में बाईं-दाईं ओर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
- अच्छी सेहत पाने के लिए अच्युत अनंत गोविंद का 108 बार आकाश की ओर मुंह करके उच्चारण करें। बाद में पंजीरी, केले का प्रसाद बनाकर भगवान को भोग लगाएं और सबको बांटें।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Puja Vidhi Guru Purnima 2020)
आज के दिन सबसे पहले स्नान कर साफ कपड़े पहनकर गुरु पूर्णिमा के दिन अपने घर के पूजा स्थल पर देवताओं को प्रणाम करें। विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद अपने गुरु की तस्वीर को माला फूल अर्पित कर उनका तिलक करें। पूजा करने के बाद अपने गुरु के घर जाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद लें।
गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima Importance)
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर आज खासतौर पर गुरु पूजन की परंपरा है। आपको बता दें, गुरु पूर्णिमा महर्षि वेद व्सास की जयंती पर मनाया जाता है। उन्होंने चारों वेदों, 18 पुराणों, महाभारत और कई अन्य ग्रंथों की रचना की थी। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं की पूजा और उनका सम्मान करते हुए सभी लोग आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।