2 जुलाई, 2019 को एक बार फिर से आकाश में ऐतिहासिक खगोलीय घटना घटने जा रही है। कहने का मतलब है कि 2 जुलाई को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। मगर यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। इस 'पूर्ण सूर्य ग्रहण' का समय रात 11 बजकर 31 मिनट से 2 बजकर 15 मिनट तक लगेगा। जानकारी के लिये बता दें कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आता है, तब यह पृथ्वी पर आने वाले सूर्य के प्रकाश को रोकता है और सूर्य में अपनी छाया बनाता है। इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण का असर हर किसी पर पड़ता है लेकिन गर्भवती महिलाओं पर इसका बुरा असर कुछ ज्यादा ही पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के असर से बचकर रहना चाहिये क्योंकि इसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य के साथ साथ उनके होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता है। यहां जानें ग्रहणकाल के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या नहीं करना चाहिए:
ग्रहणकाल के दौरान क्या न करें
- यदि पुराणों की मानें तो जब आकाश में यह घटना घटती है तो इसमें ढेर सारी ऊर्जा का हनन होता है। यह नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं, जिससे मां के पेट में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचने की गुंजाइश अधिक होती है।
- ग्रहण के समय किसी भी प्रकार का भोजन न तो पकाना चाहिये और ना ही खाना चाहिये।
- कहते हैं कि सूर्य ग्रहण को देखने से गर्भवती महिलाओं की आंखों और लीवर पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें इसे देखने की मनाही होती है।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिये। ऐसा करने से सूर्य की घातक किरणों का बुरा असर भ्रूण पर पड़ सकता है जिससे शिशु विकलांग भी हो सकता है।
- ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को नहा लेना चाहिये जिससे शिशु को त्वचा संबन्धी रोग न हो सके।
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