- हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरितालिका तीज का त्योहार 30 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा
- हरितालिका तीज के दिन मां गौरी व भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाती है
- हरितालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाएं रखती हैं
Hartalika Teej 2022 Puja Samagri: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का त्योहार हर साल मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरितालिका तीज का त्योहार 30 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। हरितालिका तीज के दिन मां गौरी व भगवान शिव विधि विधान से पूजा की जाती है। हरितालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाएं रखती हैं। इस दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए रखती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं करवा चौथ की तरह शाम को चंद्रोदय होने के बाद ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। हरितालिका व्रत के दिन पूजा विधि विधान से करना चाहिए। इस दिन पूजा की सारी सामग्री पूजा के वक्त साथ में होनी चाहिए। आइए जानते हैं हरितालिका तीज की पूजा सामग्री के बारे में।
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पूजन सामग्री का रखें विशेष ध्यान
हरतालिका तीज के व्रत के बहुत मायने होते हैं। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है इसलिए पूजन सामग्री का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कोई भी चीज गलती से भी छूट जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में पूजा शुरू करने से पहले हर एक सामग्री को अच्छे से देख लेना चाहिए। हरितालिका की पूजा के लिए सबसे जरूरी चीज भगवान शिव और माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति होती है।
सुहाग की टोकरी का है विशेष महत्व
इसके अलावा सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, अबीर, चन्दन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच प्रकार के फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, आक का फूल, कपूर, कुमकुम, गंगाजल, गणेश जी को अर्पित करने के लिए दूर्वा, जनेऊ। इसके अलावा हरतालिका तीज में सुहाग की टोकरी का विशेष महत्व है, इसमें कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, काजल, चूड़ी, कंघी, माहौर।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)