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मारक ग्रहों की महादशा से कैसे बचाता है शिव का प्रिय रुद्राक्ष, जानें यहां

Updated Apr 23, 2022 | 20:20 IST

Benefits Of Rudraksh: जन्म कुण्डली का विशलेषण करवाने के बाद आपको रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी माना गया है। कुंडली दिखवाने के बाद ही यह पता लगेगा कि किस मारक ग्रह से सम्बंधित रुद्राक्ष आपको पहनना चाहिए।

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रुद्राक्ष का महत्त्व
मुख्य बातें
  • शनि की साढे साती में रुद्राक्ष पहनना लाभकारी होता है।
  • मंगल और मार्केश की दशा में रुद्राक्ष पहनना फायदेमंद होता है।
  • रुद्राक्ष हमेशा लाल धागे में पहनना चाहिए।

Benefits Of Rudraksh: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष से मंत्र जाप करना सबसे उत्तम माना गया है। अगर शनि की साढ़े साती या ढय्या मारक अवस्था में हो तो इससे पहनने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है। साथ ही, मनोवांछित लाभों की प्राप्ति की जा सकती है। रुद्राक्ष का सबसे ज्यादा महत्व आध्यात्मिक क्षेत्र में ही माना जाता है। क्योंकि रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा होने की वजह से ये मन को शीघ्र शांत करता है, इसलिए ये योगी और साधु संतों, औघड़, अघोरियों, सन्यासियों पर ज्यादा कारगर है। इसका उल्लेख प्राचीन हिन्दू ग्रंथ महाशिवपुराण में विस्तृत रूप से भी मिलता है।

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जब मारक ग्रहों की महादशा हो तो पहनें रुद्राक्ष

रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। इससे नकारात्मकता दूर होती है, इसलिए आजकल ज्योतिष के जानकार पीड़ित मनुष्यों को मारक ग्रहों की महादशा में रुद्राक्ष पहनने के सुझाव देते है, क्योंकि रुद्राक्ष को शाक्षात महादेव का रूप ही माना जाता है, ऐसी मान्यताएं भी हैं।

कितने मुखी होते है रुद्राक्ष
ऐसा कहा जाता है, रुद्राक्ष एक फल की गुठली है। वो फल एक पेड़ पर लगता है। रुद्राक्ष की खेती कुछ देशों मे होती है, लेकिन सबसे ज्यादा रुद्राक्ष की खेती नेपाल और इंडोनेशिया में होती है। रुद्राक्ष पर मुख बने होते है। यह 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक का रुद्राक्ष होता है। शिवपुराण में 1 मुखी से लेकर 16 मुखी तक का उल्लेख मिलता है। मुखी का अर्थ आकृति होता है। ऐसा कहा जाता है कि, सबसे ज़्यादा उम्दा रुद्राक्ष नेपाल का होता है, इसलिए भारत में सबसे ज़्यादा नेपाली रुद्राक्ष की मांग होती है।

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ज्योतिष में कौनसा रुद्राक्ष किस मारक ग्रह के प्रभाव से बचाता है।

1. सूर्य ग्रह के लिए 1 मुखी रुद्राक्ष धारण कर लेना चाहिए।

2. चंद्र ग्रह के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाना चाहिए।

3. मंगल ग्रह के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना उत्तम बताया जाता है। 

4. बुध ग्रह के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति शुभ होता है।

5. गुरु ग्रह के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

6. शुक्र ग्रह के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

7. शनि ग्रह के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होता है।

8. राहु ग्रह की शांति के लिए 8 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है।

9. केतु ग्रह की शांति और बुरे प्रभावों को नस्ट करने के लिए 9 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाना फलदायी होता है।

जब ये ग्रह आपकी जन्मकुंडली में मारक ग्रहों के रूप में बैठे हों तब इन ग्रहों की दशाओं में उस ग्रह से सम्बंधित रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होगा। रुद्राक्ष पहनने के बाद उस ग्रह के नकारात्मक प्रभावों में कमी आएगी।

रुद्राक्ष को किस तरह से धारण किया जाता है 

आपको सिर्फ रुद्राक्ष का एक दाना लाल धागे में पिरोहकर शुक्ल पक्ष के दिन, जिस ग्रह के लिए पहनना हो उस ग्रह के दिन जैसे 7 मुखी रुद्राक्ष पहनना हो तो शनिवार को सूर्योदय होने से पहले गंगाजल में रुद्राक्ष को स्नान करा कर उस ग्रह के बीज मंत्र को 9 बार उच्चारण करके शिव जी का ध्यान करते हुए इसको गले में धारण कर लेना चाहिए।

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