- राहु पूरी तरह नकारात्मक ग्रह होता है और यह नुकसान पहुंचाने वाला होता है
- यह हर ग्रह के प्रभाव को कमजोर करता है
- जीवन में राहु केतु का दुष्प्रभाव पड़ते ही व्यक्ति को तमाम तरह की समस्याएं घेर लेती हैं
How To Chant Rahu Ketu Mantras: राहु केतु के प्रकोप से हर कोई डरता है। राहु और केतु को नवग्रहों में छाया ग्रह कहा जाता है। राहु केतु जिस किसी के भी राशि या कुंडली पर बैठ जाए तो इसका व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। राहु पूरी तरह नकारात्मक ग्रह होता है और यह नुकसान पहुंचाने वाला होता है। यह हर ग्रह के प्रभाव को कमजोर करता है। जीवन में राहु केतु का दुष्प्रभाव पड़ते ही व्यक्ति को तमाम तरह की समस्याएं घेर लेती हैं। हर व्यक्ति की दिली ख्वाहिश होती है कि उसके घर में सदैव सुख व शांति बनी रहे। इसके लिए वे राहु केतु ग्रह का प्रकोप शांत करने के लिए कई उपाय करता है। उपायों के अलावा कुछ मंत्र है जिनका जाप करने से राहु केतु के प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति को काफी लाभ मिलेगा और सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा। आइए जानते हैं राहु केतु के मंत्र के बारे में..
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राहु के मंत्र...
राहु मंत्र का विनियोग
ऊँ कया निश्चत्रेति मंत्रस्य वामदेव ऋषि: गायत्री छन्द: राहुर्देवता: राहुप्रीत्यर्थे जपे विनोयोग:॥
राहु मंत्र के लिये ध्यान
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी करालवक्त्र: करवालशूली। चतुर्भुजश्चक्रधरश्च राहु: सिंहाधिरूढो वरदोऽस्तु मह्यम॥
राहु गायत्री
नीलवर्णाय विद्यमहे सैहिकेयाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात।।
राहु का वैदिक बीज मंत्र
ऊँ भ्राँ भ्रीँ भ्रौँ स: ऊँ भूर्भुव: स्व: ऊँ कया नश्चित्रऽआभुवदूती सदावृध: सखा। कया शचिष्ठ्या व्वृता ऊँ स्व: भुव: भू: ऊँ स: भ्रौँ भ्रीँ भ्राँ ऊँ राहुवे नम:॥
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राहु का जाप मंत्र
ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥
केतु के मंत्र..
केतु ग्रह का पौराणिक मंत्र
ॐ पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।।
केतु ग्रह का गायत्री मंत्र
ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात् ।।
केतु ग्रह का वैदिक मंत्र
ॐ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपनयशसे।
समुषद्भिरजायथाः।।
केतु ग्रह का बीज मंत्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।।
केतु ग्रह तांत्रिक मंत्र
ॐ कें केतवे नमः
केतु ग्रह पूजा मंत्र
ॐ कें केतवे नमः
जानिए मंत्र के फायदे
राहु केतु के मंत्र का जाप करने से पीड़ित व्यक्ति को अत्यंत फायदा पहुंचता है। इन मंत्रों से राहु व केतु से जुड़ी परेशानियां समाप्त होती हैं। व्यक्ति सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से छुटकारा पाता है। ऐसे में इन मंत्रों को रोजाना नियमित रूप से 108 बार करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)