- ज्योतिष में शनि को सबसे क्रूर ग्रह कहा गया है
- शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं
- शास्त्रों में शनि को कर्म फलदाता और कलयुग का दंडकारी भी बताया गया है
Laal Chandan Upaye: सभी ग्रहों में सबसे तेज ग्रह शनि ग्रह होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि कुंडली में जब आता है तो अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं। ज्योतिष में शनि को सबसे क्रूर ग्रह कहा गया है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं। शास्त्रों में शनि को कर्म फलदाता और कलयुग का दंडकारी भी बताया गया है। माना जाता है कि शनि सभी बुरे कर्मों का फल देता है। हर कोई शनि को प्रसन्न करना चाहता है। शनि को प्रसन्न करने और उन्हें शांत रखने के लिए ज्योतिष में कई उपायों के बारे में बताया गया है। वहीं शनि को प्रसन्न करने में चंदन की विशेष भूमिका होती है। आइए जानते हैं चंदन से कैसे शनिदेव को शांत व प्रसन्न किया जा सकता है। ताकि व्यक्ति को शनि दोष से राहत मिल जाए।
चंदन से दूर होता है शनिदोष
हिंदू धर्म में चंदन का पूजा पाठ में विशेष महत्व होता है। चंदन कई तरह के होते हैं- लाल चंदन, पीला चंदन और सफेद चंदन हर तरह के चंदन का प्रयोग पूजा के वक्त किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंदन के बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। वैसे ही शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए भी चंदन का उपयोग जरूर किया जाता है। चंदन से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। वह शनि दोष से मुक्ति पाया जा सकता है।
41 दिनों तक चंदन से करें स्नान
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए चंदन की जड़ को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति पर शनि दोष का प्रभाव खत्म होता है और वह सभी संकटों से छुटकारा पा सकता है। चंदन से इस उपाय को 41 दिनों तक करने से लाभदायक फल मिलते हैं।
शनिदेव को लगाना चाहिए लाल चंदन
इसके अलावा शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव को हर शनिवार लाल चंदन लगाकर दूध से स्नान करवाना चाहिए और इस लाल चंदन को अपने शरीर में व तिलक के रूप में माथे पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से साढ़े साती और शनि की ढैय्या से राहत मिलती हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)