- नए वाहन की पूजा कराने के बाद ही वाहन चलाना शुभ माना जाता है
- वाहन की पूजा कराने का काफी महत्व होता है
- वाहन की पूजा के लिए मिठाई, कलावा, सिंदूर घी मिश्रित सामग्री खरीद लें
Car Bike Scotty Worship: कुछ लोग नया सामान लाने पर उसकी विधि विधान से पूजा करते हैं, ताकि वह सामान लाभकारी हो। ज्योतिषियों के मुताबिक घर में नया वाहन खरीदते हैं तो उसकी भी पूजन अवश्य कराना चाहिए। नए वाहन की पूजा कराने के बाद ही वाहन चलाना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नए वाहन को चलाने से पहले उसकी पूजा विधि विधान से करने से सारे दोष दूर हो जाते हैं व वाहन सबके लिए शुभ होता है, इसलिए लोग वाहन की पूजा जरूर करवाते हैं। वाहन की पूजा कराने का काफी महत्व होता है। आइए जानते हैं नए वाहन की पूजा कैसे करवानी चाहिए और क्यों करवानी चाहिए..
ऐसे करें वाहन की पूजा
वाहन की पूजा के लिए कर्पूर, नारियल, फूलमाला, जल का कलश, गुड़ या मिठाई, कलावा, सिंदूर घी मिश्रित सामग्री खरीद लें। ज्योतिषियों के मुताबिक घर में नए वाहन के प्रवेश से पहले आम के पत्ते से तीन बार गंगा जल छिड़के। ऐसा करने से वाहन घर का हिस्सा हो जाता है। जल का छिड़काव करने के बाद वाहन पर सिन्दूर व घी के तेल के मिश्रण से स्वस्तिक का निशान बना दें। शास्त्रों में स्वस्तिक का बहुत महत्व बताया गया है। इसे वाहन पर लगाने को शुभ माना जाता है। इसके बाद वाहन पर फूलमाला पहनाएं और वाहन पर तीन बार कलावा लपेट दें।
ज्योतिषियों का मानना है कि कलावा रक्षासूत्र होता है, जो हमारे वाहन की रक्षा करता है। वाहन की कर्पूर से आरती करें और कर्पूर की राख से वाहन पर तिलक लगा दें। राख का तिलक वाहन को नजरदोष से बचाता है। इसके बाद कलश में रखे जल को दाएं-बाएं डाले दें। अब अपने वाहन पर मिठाई रख दें और पूजा के बाद इस मिठाई को गाय को खिला दें।
क्यों करवानी चाहिए पूजा
नए वाहन की पूजा जरूर करवानी चाहिए। इससे वाहन को वास्तु दोष व नजर दोष से बचाया जा सकता है। पूजा न कराने से एक्सीडेंट या खराब परिस्थितियों का सामना व्यक्ति को करना पड़ सकता है। इसलिए वाहन की पूजा का शुभ मुहूर्त का जरूर पता करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)