- हीरे को कहा जाता है रत्नों में से महारत्न।
- करोड़ों में होती है हीरों की कीमत।
- साउथ अफ्रीका में पाया गया था दुनिया का सबसे बड़ा हीरा।
सभी रत्नों में से हीरा बहुत सुंदर और उत्कृष्ट माना जाता है जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है। यह इतना आकर्षक होता है कि इसे पहनने की इच्छा हर एक इंसान में जागृत हो जाती है। हीरा ढूंढना बहुत ही कठिन कार्य होता है और इसे तलाशना उससे भी ज्यादा मुश्किल काम माना जाता है। इसीलिए हीरे की कीमत करोड़ों में लगाई जाती है। एक हीरा इतना रमणीय होता है कि इसे पहनने की लालसा हर एक इंसान में देखी जाती है।
हीरे की खासियत यह है कि वह सबसे ज्यादा चमकता है और हर दिशा में अपनी चमक बिखेरेता है। इसीलिए हीरे को महारत्न कहा जाता है। प्राचीन काल से हीरे को रत्नों का राजा कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा पहनना कुछ लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है वहीं कुछ लोगों के लिए यह कई परेशानियों को बुलावा देता है। ज्योतिषी यह बताते हैं कि बेदाग और स्वच्छ हीरा शुक्र देव की पीड़ा से निजात दिलाता है। सर्वश्रेष्ठ हीरे की पहचान यह कि वह पानी में डूबता नहीं है और हर एक गुण में संपन्न होता है।
यहां जानिए, हीरे से आधारित कुछ रोचक बातें:-
जितना भारी, उतना फायदेमंद
ज्योतिष यह बताते हैं कि जिस इंसान के पास भारी हीरा मौजूद रहता है वह उसके लिए बहुत फलदायक साबित होता है। जितना भारी हीरा रहेगा उतना ही ज्यादा लाभकारी वह होगा।
हल्की सी चूक से हो सकता है भारी नुकसान
हीरा एक ऐसा रत्न है जिसका खास ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि एक छोटी सी गड़बड़ी की वजह से हीरे की कीमत में भारी गिरावट आ सकती है। कहा जाता है अगर किसी हीरे की कटाई सही तरीके से नहीं होती है तो वह हीरा बेकार हो जाता है।
यह है दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड
दुनिया के सबसे बड़े हीरे की उपाधि Cullinan नाम के हीरे को दी गई है जो वर्ष 1905 में साउथ अफ्रीका में पाया गया था। कहा जाता है कि इसका वजन 3160 कैरेट से। साउथ अफ्रीका एक ऐसा देश है जो हीरे के उत्पादन में सबसे आगे रहता है।
हार्ट और एरो है परफेक्ट पैटर्न
हीरो के लिए सबसे उत्कृष्ट पैटर्न हॉट और एरो पैटर्न है। अगर आप फेस डाउन पोजिशन से हीरे को देखेंगे तो आपको 8 दिल नजर आएंगे वहीं अगर आप फेस अप पोजीशन में हीरे को देखेंगे तो आपको 8 एरो नजर आएगा।
हीरों के महंगे होने का कारण
हीरे को बनने में कई अरब साल लग जाते हैं। ऊंचे तापमान और करोड़ों रसायनिक बदलावों के बाद हीरे का निर्माण होता है और यह 140 से लेकर 190 किलोमीटर तक की गहराई में पाए जाते हैं जिन्हें निकालना बेहद मुश्किल होता है।