- जितिया व्रत संतांन की लंबी आयु के लिए महिलाएं रखती हैं।
- जितिया व्रत निर्जला होता है। अगल दिन सूर्योदय के साथ व्रत का पारण होता है।
- जितिया व्रत के दिन आरती और पूजा मंत्र से सफल होती है पूजा।
Jitiya Vrat Aarti Lyrics in Hindi (ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन): जितिया व्रत आज (18 सितंबर) से आज नहाय खाय से प्रारंभ हो गया है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती है। जितिया का व्रत निर्जला रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवूतवाहन प्रसन्न होकर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण कर देते है। शास्त्र के अनुसार इस व्रत को करने से पांडवों के पुत्र परीक्षित की मृत्यु के बाद उन्हें पुनः जीवन मिला था। इस दिन माताएं सूर्यास्त के बाद निर्धारित समय पूजा करने के बाद अगले दिन निर्धारित समय में पारण करती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पूजा में व्रत रखने के साथ-साथ जीमूतवाहन की आरती की जाए तो वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
जितिया व्रत मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेष, बंगाल, झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन सिद्धि योग बन रहा है जो इस व्रत के महत्व में वृद्धि करेगा। जितिया व्रत निर्जला होता है। व्रत के अगले दिन महिलाएं सूरज के उदय होने के बाद जीमूतवाहनजी की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करती है। दोनों दिन जीमूतवाहनजी की आरती करनी चाहिए। इसके अलावा मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार आरती और मंत्र का जाप करने से भगवान संतान को दीर्घायु देते हैं।
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Jitiya Vrat Aarti: Om Jay Kashyap Nandan aarti in Hindi
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ओम जय कश्यप…
पूजा मंत्र (Jitiya Vrat Puja Mantra)
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
जितिया व्रत तिथि और मुहूर्त: Jitiya Vrat Shubh Muhurat, Rahukaal
उदयातिथि के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा, इस व्रत का पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। जितिया व्रत (18 सितंबर) के दिन सिद्धि योग सुबह 06:34 तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:51 से दोपहर 12:40 तक है। लाभ व अमृत मुहूर्त- सुबह 9:11 से दोपहर 12:15 तक है। उत्तम मुहूर्त- दोपहर 1:47 से 3:19 तक है।
राहुकाल, यमगंड काल, गुलिक काल और दुर्मुहूर्त काल में पूजा नहीं करनी चाहिए। राहुकाल- दोपहर 12:01 से 12:30 तक है। यमगंड- सुबह 07:30 से 09 तक है। गुलिक काल सुबह 10:30 मिनट से 12 तक है और दुर्मुहूर्त काल दोपहर 11:47 से 12:35 तक है।