- भगवान शिव के 11 वें अवतार हैं हनुमान जी
- ज्येष्ठ माह के हर मंगलावर को कहते हैं बड़ा मंगल
- मंगलवार के दिन से ही हुई ज्येष्ठ माह की शुरुआत
Jyeshtha Bada Mangal 2022 Hanumanji Pooja: इस बार ज्येष्ठ माह की शुरुआत मंगलवार से हुई जोकि धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास माना जा रहा है। मंगलवार 17 मई 2022 से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है और यह 14 जून तक रहेगी। ज्येष्ठ माह के पड़ने वाला हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहते हैं। वैसे तो सप्ताह का हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार यानी बड़ा मंगल हनुमान जी की पूजा अराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। इन मंगलवार को कष्ट हरने वाला कहा जाता है। जानते हैं बड़ा मंगल की पूजा और महत्व के बारे में।
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बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल का महत्व
बड़ा मंगल विशेषकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मनाया जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हैं। कहा जाता है कि एक व्यापारी ने अपने सारे केसर और इत्र बिक जाने के लिए हनुमान जी से मन्नत मांगी थी। व्यापारी ने हनुमान जी से यह प्रार्थना की थी कि यदि उसका सारा सामान बिक जाएगा तो वह भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण कराएगा। तब नवाब वाजिद अली शाह नाम के एक शख्स ने उसका सारा सामान खरीद लिया। मन्नत पूरी होने के बाद व्यापारी ने लखनऊ में हनुमान जी का भव्य मंदिर बनवाया। तब से ही लखनऊ में ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को बड़ा मंगल मनाया जाता है।
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बड़ा मंगलवार पूजा
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले हर मंगलवार यानी बड़ा मंगल पर हनुमान जी की पूजा करने का खास महत्व है। बड़ा मंगल पर पूजा करने से बजरंगबली की कृपा बनी रहती है और भक्त को सुख-संपत्ति व सौभाग्य का वरदान मिलता है। इन दिनों पूजा करने पर बजरंगबली अपने भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ज्येष्ठ माह में पड़ेंगे 5 मंगलवार
इस साल 2022 ज्येष्ठ माह में पूरे 5 मंगलवार पड़ेंगे, जिसमें बड़ा मंगल मनाया जाएगा और हनुमानजी की पूजा-अर्चना की जाएगी। ज्येष्ठ माह की शुरुआत ही मंगलवार के दिन से हुई है जोकि 17 मई को थी। हनुमानजी भगवान शिव के 11 वें अवतार हैं। उनकी पूजा करने से सुख-संपदा की प्राप्ति होती है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)