- शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा पड़ता है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- 24 जून को मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा।
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व माना गया है। पूजा पाठ का इस दिन विशेष महत्व होता है। इस अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन नदी में स्नान करने की भी परंपरा है। 24 जून को पड़नेवाली ज्येष्ठ पूर्णिमा का खास महत्व इसलिए भी हो जाता है क्योंकि यह गुरुवार को पड़ रहा है।
गुरुवार को पड़नेवाली पूर्णिमा विशेष फलदायी मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह ज्येष्ठ मास की अंतिम तिथि होती है। इसके बाद आषाढ़ महीना लग जाएगा। गौर हो कि पूर्णिमा के अगले दिन हिंदू कैलेंडर का महीना बदल जाता है।
गुरुवार की ज्येष्ठ पूर्णिमा का क्यों है खास महत्व? (Jyeshtha Purnima Significance)
गुरुवार को पूर्णिमा का होना अत्यंत शुभ और विशेष फल देनेवाला बताया गया है। मान्यता के अनुसार पूर्णिमा की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन पूजा एवं व्रत करना शुभ फलदायी होता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन सूर्य,मिथुन राशि में तथा चंद्रमा के वृश्चिक राशि में होने के कारण विशेष कल्याणकारी संयोग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु की पूजा करने से दुखों का नाश होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा तिथि पर व्रत और विष्णु जी का पूजन करने एवं चंद्रमा को अर्घ्य देने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
purnima puja vidhi in hindi
पूर्णिमा के दिन की जाती है चंद्रमा की पूजा
purnima pooja vidhi
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व /jyeshtha purnima 2021
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का अधिक महत्व होता है।
- कोरोना काल में नहाने के पानी में गंगा जल से भी गंगा का ध्यान करते हुए श्रेयस्कर है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
- इस दिन भगवान हनुमान जी की भी पूजा का विधान है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद सूर्य देव को ऊं भास्कराय नम: मंत्र के साथ जल अर्पित करें।
- सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल ले कर उसमें लाल फूल, गुड़ और चावल मिला लें।
- कोरोना में स्नान संभव ना हो तो गंगाजल पानी में मिलाकर स्नान करें और मां गंगा का ध्यान करें ।
- शाम को सरसों का तेल, काले तिल और काले वस्त्र किसी गरीब या जरुरतमंद को अवश्य दान करें।
- दिन तुलसी पूजा और दीपक जला कर तुलसी के स्तोत्र का पाठ करें।
भगवान विष्णु को इन मंत्रों से करें प्रसन्न
भगवान विष्णु मंत्र/ bhagavaan vishnu mantra
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ हूं विष्णवे नम:
- ॐ विष्णवे नम:
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
- ॐ नारायणाय नम:
श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् का लाभ