- इस वर्ष खरमास 14 मार्च से शुरु हो रहा है जो 14 अप्रैल को जा कर खत्म होगा
- खरमास के समय शादी, ग्रह प्रवेश, भूमि पूजन आदि मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए
- खरमास में सूर्य धनु या मीन राशि में आगमन होता है तब से ही खरमास का समय शुरु हो जाता है
Kharmas 2021: आपने बहुत बार अपने घर के बड़ों से सुना होगा की खरमास में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए और ना ही अपने घर में कोई नई वस्तु खरीद कर लाना चाहिए। हिंदू धर्म में खरमास पर विशेष ध्यान दिया जाता है और नियमों का पालन किया जाता है। कहा जाता है कि खरमास में किए गए अच्छे काम कभी भी सफल नहीं होते हैं और कोई हानि हो सकती है। इसीलिए इस महीने में लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं ताकि उनके ऊपर मंडरा रहीं सभी परेशानियां दूर हो जाएं।
क्या है खरमास?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनु और मीन राशि में सूर्य का आगमन होते ही खरमास शुरु हो जाता है। खरमास से पहले अभी सूर्य कुंभ राशि में है और वहां गोचर कर रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार, 14 मार्च को शाम के 05:55 पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे। कहा जा रहा है कि 14 अप्रैल को मीन राशि से निकल कर सूर्य मेष राशि में आगमन हो जाएंगे।
मान्यताओं के अनुसार, खरमास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। ज्योतिषों का मानना है कि खरमास में मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए उपासना करनी चाहिए। खरमास के चलते इस वर्ष अप्रैल में 24, 25, 26, 27 और 30 को विवाह का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है।
धनु राशि में सूर्य के संक्रांति के दौरान का समय अशुभ होता है। जब सूर्य मकर राशि में संक्रमित होते हैं तब यह समय बहुत अनुकूल हो जाता है। खरमास का समय सौर पौष मास का होता है, इसे मलमास भी कहा जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार, इस वर्ष खरमास 14 मार्च शाम 05:55 को शुरु होगा और 14 अप्रैल को खत्म होगा।