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Diwali Pujan Samagri: दीपावली पर महालक्ष्मी की ऐसे करें पूजा की तैयारी, जानें प्रमाणिक विधि और पूजन सामग्री

Updated Nov 12, 2020 | 13:53 IST

Diwali Pooja Samagri in Hindi: दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का बहुत महत्व होता है, लेकिन पूजा से जुड़ी बहुत सी बातें लोगों को पता ही नहीं होती हैं। तो आइए आपको पूजा की तैयारी और इससे जुड़ी बातें बताएं।

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Preparation of Mahalakshmi Puja, दिवाली पर करें ऐसे महालक्ष्मी की पूजा
मुख्य बातें
  • लक्ष्मी जी और गणपति जी का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए
  • देवी लक्ष्मी की प्रतिमा को गणपति के दाहिने ओर स्थापित करें
  • पूजा करते समय भक्त को भगवान के सामने बैठना चाहिए

दिवाली पर सबसे मुख्य काम है महालक्ष्मी की पूजा की सही विधि और पूजा की विधिवत तैयारी करना। समान्यत: हम घरों में देवी लक्ष्मी और गणपति जी की पूजा करने के बाद समझते हैं की दीपावली की पूजा संपन्न हो गई, लेकिन दीपावली में पूजा कि दिशा और विधि बहुत मायने रखती है। दीपावली पर महालक्ष्मी पूजा की प्रमाणिक के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है। पूजा की तैयारी के साथ ही आपको यह जानना भी जरूरी है कि देवी की प्रतिमा का मुख किस दिशा में होना चाहिए और आपको देवी के किस तरफ बैठ कर पूजा करना चाहिए आदि। तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातें आपको बताएं।

दिवाली पूजा की ऐसे करें तैयारी तो नहीं होगी कोई चूक

पूजा की थाली में रखें ये सारी सामग्री : 11 दीपक, खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, कमल का फूल या कोई भी फूल, दूर्वा,चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, और अंखड दीप, कलश और जटावाला नारियल लें।

पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान

  1. सर्वप्रथम जहां पूजा करनी है वहां शाम के समय दोबारा साफ-सफाई कर लें। फिर एक चौकी या पीढ़े पर लाल वस्त्र बिछा कर देवी लक्ष्मी और गणपति जी को स्थापित कर दें।

  2. देवी लक्ष्मी और गणपति जी की प्रतिमा का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए।

  3. देवी लक्ष्मी की प्रतिमा को गणपति के दाहिने ओर स्थापित करें।

  4. पूजा करते समय भक्त को भगवान के सामने बैठना चाहिए।

  5. कलश में जल भर कर उसे लक्ष्मी जी के पास स्थापित करें और कलश को चालव के ढेर पर स्थापित करना चाहिए।

  6. जटा वाला नारियल लें और उसे लाल वस्त्र में लपेट दें और उसे कलश पर स्थापित कर दें।

  7. कलश के पासदो बड़े दीपक रखें। एक घी का होना चाहिए और दूसरा तेल का। एक दीपक चौकी के दाहिनीओर और दूसरा प्रतिमा के चरणों में रखें। साथ ही एक दीपक गणेशजी के पास रखना चाहिए।

  8. कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक बनाएं। इसके लिए चावल से नौ ढेरियां बनाएं।

  9. गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक होंगी। नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।

  10. इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी।

  11. सबसे ऊपर बीच ‘ॐ’ लिखें।

तो इस विधि से करे पूजा की तैयारी। इसके बाद विधिवत तरीके से देवी और गणपति जी पूजा करें।

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