- मासिक शिवरात्रि की पूजा निर्धारित समय पर करनी चाहिए
- शिवरात्रि पर भगवान शिव के पूरे परिवार की पूजा करनी चाहिए
- मासिक शिवरात्रि में व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं
मासिक शिवरात्रि हर महीने में आती है और इस माह यह व्रत 13 दिसंबर को रखा जाएगा। इस व्रत को यदि मनुष्य सच्चे मन से करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसके जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
विवाह या धन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों को यह व्रत जरूर करना चाहिए। मासिक शिवरात्रि प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी होती है, जबकि महाशिवरात्रि साल भर में एक बार मनाई जाती है।
शिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी पार्वती के साथ ही उनके पूरे परिवार की पूजा करनी चाहिए। घर पर शिव परिवार की पूजा के बाद मंदिर में जा कर शिवलिंग पूजा करनी चाहिए। तो चलिए आपको बताएं कि मासिक शिवरात्रि की पूजा का सही समय क्या है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि भगान शिव और शक्ति के मिलन का दिन होता है और इस व्रत को करने से साधक अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में सक्षम होता है। क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाएं मनुष्य के अंदर से हट जाती हैं।
मासिक शिवरात्रि में व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और विवाह और दांपत्य जीवन में आने वाली कठिनाईयां दूर होती है। मनोवांछित वर पाने के लिए कन्याओं का यह व्रत करना चाहिए। साथ ही संतान सुख और धन पाने के लिए भी यह व्रत बहुत महत्व रखता है।
मासिक शिवरात्रि का व्रत कैसे करें?
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर भगवान शिव के मंदिर में जाकर भगवान शिव की परिवार समेत पूजा करें। इसके बाद शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही से अभिषेक करें।
इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। धूप, दीप, फल और फूल आदि अर्पित कर शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। शिवरात्रि का व्रत अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान करने के बाद खोलना चाहिए।
जानें, मासिक शिवरात्रि की पूजा का सही समय
शिवरात्रि के पूजन समय मध्य रात्रि के समय होता है। भगवान शिव की पूजा रात को 12 बजे के बाद करनी चाहिए और पूजा के समय श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी करना जरूरी होता है।