- जनेऊ एक सूत का पवित्र धागा होता है। जिसे कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे धारण किया जाता है
- जनेऊ के एक धागे में तीन तार होते हैं और कुल तारों की संख्या नौ होती है
- जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को कई नियमों का पालन करना पड़ता है
Janeu Wearing Mantra: सनातन धर्म में जनेऊ का विशेष महत्व है। धार्मिक ग्रंथों में 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है। इसमें मुंडन, विवाह आदि शामिल है। जिसमें जनेऊ धारण करना 10 वां उपनयन संस्कार है। हिंदू धर्म में इन ‘उपनयन’ संस्कार बहुत अहम माना गया है। जनेऊ को उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतबंध, ब्रह्मसूत्र भी कहते हैं। जनेऊ एक सूत का पवित्र धागा होता है। जिसे कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे धारण किया जाता है। जनेऊ के एक धागे में तीन तार होते हैं और कुल तारों की संख्या नौ होती है। जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को कई नियमों का पालन करना पड़ता है।
अगर जनेऊ गलती से अपवित्र हो जाए तो उसे तुरंत उतार कर दूसरा जनेऊ धारण करना पड़ता है। जनेऊ होने के बाद इसे आजीवन धारण करना होता है। किसी भी व्यक्ति को तभी जनेऊ धारण करना चाहिए जब वह उसके नियमों का पालन सही से करने की समझ रखता हो। आइए जानते हैं जनेऊ धारण करते समय किन मंत्रों का जाप किया जाता है व किस दिन इसे धारण करना शुभ माना जाता है।
जनेऊ पहनने का मंत्र
ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं, प्रजापतेयर्त्सहजं पुरस्तात्। आयुष्यमग्र्यं प्रतिमुञ्च शुभ्रं, यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
जनेऊ उतारने का मंत्र
एतावद्दिन पर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया। जीर्णत्वात्वत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथा सुखम्।।
जनेऊ धारण करने के नियम
जनेऊ धारण करने वाले व्यक्ति को कई तरह की सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे मल मूत्र के समय जनेऊ को दाहिने कान पर चढ़ा लेना चाहिए और हाथ साफ करने के बाद ही कान से नीचे उतारना चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि जनेऊ कमर से ऊपर हो जाए और अपवित्र न हो। इसके अलावा जन्म व मरण के दौरान सूतक लगने के बाद जनेऊ बदल लेना चाहिए।
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इस दिन बदल सकते हैं जनेऊ
जनेऊ किसी भी शुभ दिन व शुभ मुहूर्त में पहनना जा सकता है। आने वाले नवरात्रि में जनेऊ धारण कर सकते हैं। इसे आमतौर पर कुछ लोग रक्षाबंधन वाले दिन व सावन पूर्णिमा वाले दिन भी बदलते हैं। पर यह दोनों ही शुभ मुहूर्त निकल चुके हैं। ऐसे में आप इसे आने वाले कार्तिक पूर्णिमा व नवरात्रि वाले दिन बदल सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)