- भादो को चातुर्मास का दूसरा महीना माना गया है
- भादों में दही, गुड़ और हरी साग-सब्जी खाना मना है
- गाय का दूध, घी और माखन खाना अच्छा माना गया है
भाद्रपद भाद्रपद को भद्र परिणाम देने वाला मास बताया गया है और यही कारण है कि इस मास में जहां कुछ कार्य से शुभ परिणाम मिलते हैं, वहीं कुछ कार्य बिलकुल निषेध हैं, क्योंकि इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। भाद्रपद यानी भादों का महीना विशेष रूप से उपवास, नियम और निष्ठा के पालन के लिए जाना जाता है। भाद्रपद माह चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में दूसरा माह होता है। इसलिए इस मास में मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसका वर्णन शास्त्रों में दिया गया है। भाद्रपद में जन्माष्टमी व गणेशोत्सव सबसे अहम त्याहार माने गए हैं।
भादो महीने क्योंकि चातुर्मास में आता है इसलिए इस मास में स्नान, दान और व्रत करने से कई तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। यह शून्य मास भी कहलाता है, क्योंकि इस महीने में लोक व्यवहार के कार्य निषेध माने गए हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि इस महीने गलतियों की प्राश्चित करने के लिए श्रेष्ठ है। इस मास में कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। केवल भक्ति, स्नान और दान का ही विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में भाद्रपद महीने में कई कार्य नहीं करने तो कुछ चीजों को खाने की भी मनाही है।
जानें, भाद्रपद माह में क्या नहीं करना या खाना चाहिए
भादो में चातुर्मास के कारण कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। केवल भक्ति से जुड़े कार्य ही किए जा सकते हैं। रही बात खाने-पीने की तो इस मास में गुड़, दही और हरी साग-सब्जी नहीं खानी चाहिए। मान्यता है कि इनका सेवन करने उम्र घटती है। दही खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। वहीं किसी अन्य द्वारा मिले चावल को इस मास में कभी न खाएं। इससे लक्ष्मी रूठ जाती हैं। वहीं नारियल का तेल इस्तेमाल करने से संतान सुख में कमी आती है।
भाद्रपद माह में क्या करना शुभ है
भादो महीने में कृष्ण जन्माष्टमी का बड़ा पर्व होता है और कृष्णजी को माखन बहुत पसंद है तो इस महीने में माखन खाना चाहिए। इससे उम्र बढ़ती है। गाय का घी खाना चाहिए क्योंकि इससे शाक्ति और दिमाग तेज होता है। गाय का दूध का सेवन भी करना चाहिए, इससे वंश वृद्धि होती है। वहीं गौमूत्र का छिड़काव शरीर व घर पर करना चाहिए। ऐसा करने से पापों का नाश होता है।
इनकी पूजा जरूर करें
भाद्रपद में जन्माष्टमी और श्रीगणेश स्थापना की जाती है। श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप भाद्रपद में सर्वसिद्धिदायक माना जाता है। जिन दंपतियों को संतान सुख नही मिल रहा उन्हें इस पूरे माह यदि श्रीकृष्ण के संतानगोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
साथ ही गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ प्रतिदिन करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। भाद्रपद का महीना धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभदायक है। खानपान का ख्याल रखकर स्वास्थ्य भी बेहतर रखा जा सकता है।