- सीमाओं को लांघने के बाद ही मिलती है इन लोगों को सफलता
- व्यापारी को तभी सफलता मिलती है जब वह दूर तक फैलता है
- विद्वान व्यक्ति का ज्ञान और संस्कारी व्यक्ति का संस्कार लाभकारी
Chanakya Niti in Hindi: जीवन में हर व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा सफलता पाना चाहता है। इसके लिए लोग मेहनत भी खूब करते हैं। लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में सफलता पाने के लिए अलग-अलग खासियतों व गुणों की जरूरत पड़ती है। जो लोग क्षेत्र का ध्यान रख उसके अनुसार कार्य करते हैं, उन्हें उनकी योग्यता और क्षमता के अनुसार सफलता भी मिलती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मानव जीवन के कुछ ऐसे कार्य व कारोबार होते हैं, जिसमें सफलता के लिए सीमाओं को लांघना पड़ता है। यदि व्यक्ति इन मामले में पीछे रह जाए तो उसकी सफलता का पैमाना भी सीमित रह जाता है। ये कार्य दायरे में रहकर नहीं किया जा सकता है।
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व्यापारी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यापारी अपने कारोबार को बढ़ाना चाहता है वे खुद को कभी एक दायरे में बांध कर नहीं रख सकते है। क्योंकि व्यापार बढ़ाने के लिए दूर-दूर तक यात्रा करनी होती है। इसलिए जितना संभव हो अपने कारोबार को फैलाने के लिए काम करना चाहिए। कारोबारी को कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि उसके लिए कोई स्थान दूर है।
विद्वान व्यक्ति
आचार्य चाणक्य के अनुसार, ज्ञान का प्रकाश हर तरफ फैलाने की जिम्मेदारी विद्वान व्यक्ति पर होती है। ज्ञान को कभी भी एक सीमा में बांध कर नहीं रखना चाहिए। विद्वान व्यक्ति को अपने ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा दूर तक फैलाने के लिए जितनी दूर हो सके उतनी दूर यात्रा करनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति के ज्ञान से जितना ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा, उतनी ही उस व्यक्ति की ख्याति बढ़ती है।
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संस्कारी लोग
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि संस्कारी और विनम्र व्यक्ति को सभी पसंद करते हैं। ये अपने संस्कार और विनम्र स्वाभाव से दूसरों को भी प्रेरणा देते हैं। ऐसे लोग जहां भी जाते हैं अच्छाई को बढ़ावा देते हैं। लिहाजा इन लोगों को भी खुद को कभी किसी दायरे या सीमा में बांधकर नहीं रहना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए जीवन में कुछ भी पाना असंभव नहीं होता है। वे आसानी से अपने लक्ष्य पा लेते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)