बहुत जगह ये उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण को मोरपंख बेहद प्रिय है। उनकी तस्वीरों व मूर्तियों में ये अनिवार्य रूप से नजर आता है। वहीं कान्हा की बांसुरी पर भी मोरपंख सजता है। हालांकि ये बात कम ही लोगों को ज्ञात है कि मोर पंख सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को नहीं, बल्कि तमाम देवी–देवताओं को प्रिय है। श्री गणेश को भी मोरपंख प्रिय है और इसके जरिए बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है।
यही वजह है कि मोर पंख को शास्त्रों में एक अलग स्थान दिया गया है और ये भी मान्यता है कि इसमें नौ ग्रहों का निवास होता है। माना जाता है कि मोर पंख के कुछ उपायों को अगर गणेश उत्सव के दौरान किया जाए तो बहुत लाभ होता है। प्रथम पूज्य श्री गणेश को जहां मोरपंख भेंट कर मनाया जा सकता है वहीं ग्रह दोष दूर करने में भी ये मददगार रहता है। खासतौर पर आर्थिक लाभ पाने के लिए तो मोरपंख के उपाय खासे सफल बताए जाते हैं।
यहां जानें कैसे गणेश पर चढ़ाया एक मोरपंख ही आपकी किस्मत बदल सकता है -
- माना जाता है कि पर्स में मोरपंख रखने से लक्ष्मी कृपा मिलती है और पैसों की तंगी दूर होती है।
- घर से आर्थिक परेशानी दूर करनी हो तो दक्षिण-पूर्व कोने में मोर पंख को रख दें।
- मोरपंख से घर की नेगेटिव एनर्जी भी दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए घर में मोरपंख ऐसे किसी कोने में रखें, जहां से वो सभी को दिखाई दें।
- घर का वास्तुदोष भी मोरपंख से दूर किया जा सकता है। इसके लिए दरवाजे पर तीन मोरपंख लगाएं।
- बनते काम अगर बीच में अटक जाते हैं तो अपने साथ हमेशा मोरपंख रखें।
- डरावने सपनों से परेशान रहने वाले लोग तकिए के पास मोरपंख को रखकर सोएं। जल्दी ही चैन की नींद आने लगेगी।
- बच्चे का जिद्दी स्वभाव दूर करने के लिए उस पर सिर से पैर तक मोरपंख फिरा दें। माना जाता है कि ग्रहों का प्रभाव बच्चे के चित को शांत करता है।
- पढ़ाई में मन नहीं लगता हो तो किताब में मोरपंख रखना शुरू करें।
- शत्रुओं को भी मोरपंख से मात दी जा सकती है। हनुमानजी के मस्तक का सिंदूर लेकर मंगलवार को मोर पंख पर इससे शत्रु का नाम लिखें। रात भर मोर पंख को देवस्थान पर रखें व सुबह बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
बता दें कि भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मोरयाई छठ का व्रत भी रखा जाता है। कई जगहों पर इसे मोर छठ या सूर्य षष्ठी व्रत भी कहते हैं।