- अभिमन्यु अर्जुन और कृष्ण की बहन सुभद्रा के पुत्र थे।
- श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को अस्त्र और शस्त्र चलाना सिखाया।
- महाभारत के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण को पहले से पता था कि अभिमन्यु की 13वें दिन मृत्यु हो जाएगी।
नई दिल्ली. दूरदर्शन पर रामायण के साथ-साथ महाभारत को भी दर्शकों का बेहद प्यार मिल रहा है। ताजा एपिसोड में अर्जुन पुत्र वीर अभिमन्यु चक्रव्यू में घुस गए। अभिमन्यु ने कर्ण, द्रोणाचार्य, शल्य, अश्वथामा, शकुनि, दुशासन, दुर्योधन जैसे योद्धाओं का अकेले सामना किया। आखिर में इन सभी योद्धाओं ने युद्ध का नियम तोड़कर अभिमन्यु का वध कर दिया।
अभिमन्यु अर्जुन और कृष्ण की बहन सुभद्रा के पुत्र थे। द्यूत क्रीड़ा में हारने और पांडवों के वनवास जाने के कारण उनका बचपन अपने मामा श्री कृष्ण के पास बीता। श्री कृष्ण ने अभिमन्यु को अस्त्र और शस्त्र चलाना सिखाया।
अर्जुन अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह भेदना बता रहे थे। उस वक्त वीर अभिमन्यु अपनी मां के गर्भ में थे। हालांकि, जब अर्जुन सुभद्रा को चक्रव्यूह से बाहर निकलने का रास्ता बता रहे थे तो वह सो गईं। ऐसे में अभिमन्यु को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी।
श्री कृष्ण की थी ये योजना
महाभारत के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण को पहले से पता था कि अभिमन्यु की 13वें दिन मृत्यु हो जाएगी। यह जानते हुए भी कि अभिमन्यु को चक्रव्यूह के अंदर जाना दिया। दरअसल भगवान श्री कृष्ण चाहते थे कि दूसरा पक्ष नियम तोड़ दे।
अभिमन्यु व्यूह के छह चरणों को भेदते हुए अंदर जाते रहे। उनके पीछे पांडव की फौज थी। हालांकि, जयद्रथ ने सभी पांडवों को दरवाजे पर ही रोक दिया। जयद्रथ ने भगवान शिव से वरदान मांगा था कि वह एक दिन अर्जुन को छोड़कर सभी पांडवों पर भारी पड़ेगा।
अर्जुन ने ली थी ये प्रतिज्ञा
अभिमन्यु को त्रिगद नरेश सुशर्मा ने उलझा दिया था। सुशर्मा उन्हें चुनौती देकर युद्ध के मैदान से काफी दूर ले गए थे। शाम को जब अर्जुन लौटे तो उन्हें अपने पुत्र अभिमन्यु की मृत्यु की खबर मिली। अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली कि वह कल सूर्यास्त से पहले जयद्रथ का वध कर देगा।
अभिमन्यु ने मत्सय देश की राजकुमारी उत्तरा से शादी की थी। अज्ञातवास के दौरान अर्जुन ने बृहन्नला के रूप में उत्तरा को संगीत और नृत्य की शिक्षा दी थी। उत्तरा और अभिमन्यु का पुत्र परीक्षित था। आगे चलकर युधिष्ठर के बाद परीक्षित ने हस्तिनापुर की गद्दी संभाली थी।