- महाभारत ग्रंथ में कौरवों और पांडवों के बीच के धर्मयुद्ध के बारे में बताया गया है
- महाभारत में कई सारे स्थानों के बारे में बताया गया है जो आज भी अस्तित्व में हैं
- महाभारत की कई जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रचलित हो गई हैं जिसे बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं
महाभारत हिंदू धर्म का एक महान ग्रंथ है। इसमें कौरवों और पांडवों के बीच के धर्मयुद्ध के बारे में बताया गया है साथ ही उसमें भगवान श्रीकृष्ण की क्या भूमिका रही थी उसका भी वर्णन किया गया है। महाभारत में कई सारे स्थानों के बारे में बताया गया है जो आज भी अस्तित्व में हैं। इन जगहें धार्मिक स्थलों के नाम से प्रचलित हो गई हैं जिसे बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बताएंगे जो महाभारत की कई बड़ी घटनाओं व कहानियों का गवाह रहा है-
हस्तिनापुर- महाभारत का राज्य हस्तिनापुर जिसे लेकर कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध छिड़ गया था वो स्थान आज भी स्थित है। आज ये उत्तर प्रदेश का मेरठ कहलाता है। कौरवों और पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर वही जगह है जहां युधिष्ठिर ने अपने भाईयों को जुए में हारा था।
उज्जनक- ये वह जगह है जहां पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को धनुर्विद्या सिखाई थी। आज ये जगह उत्तराखंड के नैनीताल के पास आज काशीपुर कहलाता है। इस जगह को भीमशंकर भी कहा जाता है।
द्वारका- यह गुजरात के तट पर स्थित है। यादवों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण अपनी राजधानी मथुरा से द्वारका ले गए थे।
तक्षशिला- गांधार देश की राजधानी तक्षशिला उस दौर में पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास स्थित थी।
वृंदावन- भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन यहीं गुजारा था। उत्तर प्रदेश के मथुरा से 10 किमी की दूरी पर ये स्थित है। यहां पर जन्माष्टमी और होली जैसे त्यौहार खूब धूमधाम से मनाए जाते हैं।
कुरुक्षेत्र- महाभारत का रण क्षेत्र जहां पर कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ था वह कुरुक्षेत्र कहलाता है। यह हरियाणा में स्थित है जो पंजाब के अंबाला शहर से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण यहां ब्रम्हकुंड में स्नान करने आए थे इस झील को ब्रम्ह सरोवर कहा जाता है।
गांधार- पाकिस्तान के रावलपिंडी जो सिंध प्रांत में है इसके किनारे स्थित सिंधु नदी के उत्तर में गांधार स्थित है। यहां के राजा की बेटी गांधारी थी जो हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र की पत्नी थीं। उसके भाई शकुनी का महाभारत के युद्ध के पीछे बड़ा हाथ था।
कौशांबी- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पास दक्षिणी गंगा नदी के किनारे स्थित कौशांबी वत्स देश की राजधानी हुआ करती थी जिसने महाभारत में कौरवों का साथ दिया था।
मगध- वर्तमान के दक्षिणी बिहार को उस समय मगध कहा जाता था जहां पर जरासंध राज किया करता था। इसकी बेटी की शादी कंस के साथ हुई थी। जरासंध की वध भगवान श्रीकृष्ण ने किया था।
इंद्रप्रस्थ- वर्तमान नई दिल्ली के दक्षिण में उस दौर में पांडवों ने इंद्रप्रस्थ नगरी बसाई थी। इसे भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था।