नई दिल्ली: भगवान शंकर की पूजा का महापर्व यानी महाशिवरात्रि आज है। यूं तो महीने में एक बार शिवरात्रि आती है लेकिन भोले के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पर्व साल में एक बार आता है। इसलिए इस दिन भगवान शंकर की पूजा,उपासना और ध्यान का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान शंकर की पूजा यूं तो सुबह से लेकर रात तक लाभकारी है लेकिन कहते हैं कि रात के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है और भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होते हैं।
शिवरात्रि सोमवार को होने के कारण इसका महत्व अब और बढ़ गया है।भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती हैं और आपकी मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं कि रात्रि में किस प्रकार भगवान शंकर की अराधना कर अपनी हर मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं।
शाम के वक्त आप किसी भी शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक जल,दुग्ध आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। उसके बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें। फिर ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए घर आ जाएं। घर आने के बाद आप तुलसी जी के पास घी का दीया जलाएं।
अब आप पूजा स्थान के पास आसन लगाकर बैठ जाएं। कुछ देर तक भगवान शंकर का ध्यान करें। कोशिश करें की जो प्रतिमा आपके पूजा घर में या पूजा स्थान में स्थित है उसी स्वरूप का ध्यान लगाने की। उसके बाद आप रुद्राक्ष की माला पर 108 बार ऊं नम: शिवाय का जाप करें। उसके बाद भगवान शिव के इन 108 नामों का श्रद्धापूर्वक बोलकर उच्चारण करें ।
1- ॐ भोलेनाथ नमः
2- -ॐ कैलाश पति नमः
3- ॐ भूतनाथ नमः
4-ॐ नंदराज नमः
5- ॐ नन्दी की सवारी नमः
6-ॐ ज्योतिलिंग नमः
7-ॐ महाकाल नमः
8-ॐ रुद्रनाथ नमः
9-ॐ भीमशंकर नमः
10--ॐ नटराज नमः
11-ॐ प्रलेयन्कार नमः
12-ॐ चंद्रमोली नमः
13-ॐ डमरूधारी नमः
14-ॐ चंद्रधारी नमः
15-ॐ मलिकार्जुन नमः
16-ॐ भीमेश्वर नमः
17-ॐ विषधारी नमः
18- ॐ बम भोले नमः
19-ॐ ओंकार स्वामी नमः
20-ॐ ओंकारेश्वर नमः
21-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
22-ॐ विश्वनाथ नमः
23-ॐ अनादिदेव नमः
24-ॐ उमापति नमः
25-ॐ गोरापति नमः
26-ॐ गणपिता नमः
27-ॐ भोले बाबा नमः
28-ॐ शिवजी नमः
29-ॐ शम्भु नमः
30-ॐ नीलकंठ नमः
31-ॐ महाकालेश्वर नमः
32-ॐ त्रिपुरारी नमः
33-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
34-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
35-ॐ बर्फानी बाबा नमः
36-ॐ जगतपिता नमः
37-ॐ मृत्युन्जन नमः
38-ॐ नागधारी नमः
39- ॐ रामेश्वर नमः
40-ॐ लंकेश्वर नमः
41-ॐ अमरनाथ नमः
42-ॐ केदारनाथ नमः
43-ॐ मंगलेश्वर नमः
44-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
45-ॐ नागार्जुन नमः
46-ॐ जटाधारी नमः
47-ॐ नीलेश्वर नमः
48-ॐ गलसर्पमाला नमः
49- ॐ दीनानाथ नमः
50-ॐ सोमनाथ नमः
51-ॐ जोगी नमः
52-ॐ भंडारी बाबा नमः
53-ॐ बमलेहरी नमः
54-ॐ गोरीशंकर नमः
55-ॐ शिवाकांत नमः
56-ॐ महेश्वराए नमः
57-ॐ महेश नमः
58-ॐ ओलोकानाथ नमः
59-ॐ आदिनाथ नमः
60-ॐ देवदेवेश्वर नमः
61-ॐ प्राणनाथ नमः
62-ॐ शिवम् नमः
63-ॐ महादानी नमः
64-ॐ शिवदानी नमः
65-ॐ संकटहारी नमः
66-ॐ महेश्वर नमः
67-ॐ रुंडमालाधारी नमः
68-ॐ जगपालनकर्ता नमः
69-ॐ पशुपति नमः
70-ॐ संगमेश्वर नमः
71-ॐ दक्षेश्वर नमः
72-ॐ घ्रेनश्वर नमः
73-ॐ मणिमहेश नमः
74-ॐ अनादी नमः
75-ॐ अमर नमः
76-ॐ आशुतोष महाराज नमः
77-ॐ विलवकेश्वर नमः
78-ॐ अचलेश्वर नमः
79-ॐ अभयंकर नमः
80-ॐ पातालेश्वर नमः
81-ॐ धूधेश्वर नमः
82-ॐ सर्पधारी नमः
83-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
84-ॐ हठ योगी नमः
85-ॐ विश्लेश्वर नमः
86- ॐ नागाधिराज नमः
87- ॐ सर्वेश्वर नमः
88-ॐ उमाकांत नमः
89-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
90-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
91-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
92-ॐ महादेव नमः
93-ॐ गढ़शंकर नमः
94-ॐ मुक्तेश्वर नमः
95-ॐ नटेषर नमः
96-ॐ गिरजापति नमः
97- ॐ भद्रेश्वर नमः
98-ॐ त्रिपुनाशक नमः
99-ॐ निर्जेश्वर नमः
100 -ॐ किरातेश्वर नमः
101-ॐ जागेश्वर नमः
102-ॐ अबधूतपति नमः
103 -ॐ भीलपति नमः
104-ॐ जितनाथ नमः
105-ॐ वृषेश्वर नमः
106-ॐ भूतेश्वर नमः
107-ॐ बैजूनाथ नमः
108-ॐ नागेश्वर नमः
फिर आप द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति 5 बार पढ़ें। कोशिश करें कि जब आप ये स्तुति कर रहे हो तो मन में ज्योतिर्लिंग के भाव आए और उनकी तस्वीर भी सामने हो। इस प्रकार की महाशिवरात्रि पर आप इस आसान पूजा से अपने हर मनोरथ पूर्ण कर सकते है। साथ ही आपको इस दिन मानसिक,शारीरिक शुचिता का ध्यान रखना होगा। आपको इस दिन ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।