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Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि के दिन इस तरह करें भगवान शिव की आराधना, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Updated Feb 22, 2022 | 06:12 IST

Mahashivratri 2022 Date, Timing and Muhrat: भोलेनाथ के भक्तों के लिए शिवरात्रि सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान के साथ शिवजी की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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Mahashivratri 2022
मुख्य बातें
  • इस साल महाशिवरात्रि पर जानें कैसे करें भगवान शिव की अराधना।
  • जानें शिवजी को कौन सी चीजें करनी चाहिए अर्पित।
  • जानें क्या है इस बार शिवरात्रि का सही मुहूर्त।

Mhashivratri 2022: ज्योतिष के अनुसार महाशिवरात्रि  पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। साथ ही इस वक्त चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, क्योंकि भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तिष्क पर धारण किया था। इस दिन शिव की पूजा करने से व्यक्ति का चंद्र मजबूत होने के साथ अनुकूल प्रभाव देता है। चूंकि चंद्रमा को मनोस्थिति का कारक माना गया है। अत: शिव की अराधना से व्यक्ति द्रढ संकल्पित होता है। शिवरात्रि के दिन शिवलिंग यानी महादेव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति शिवरात्रि का व्रत रखते हैं, उन्हें नर्क से मुक्ति मिलती है। कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन खासतौर पर व्रत रखती हैं।

इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च, दिन मंगलवार समय प्रातः 3:16 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन 2 मार्च को दिन बुधवार समय प्रातः 10 बजे चतुर्दशी में होगा। इसमे 4 पहर की पूजा होगी।

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इस तरह करें भगवान शिव की आराधना-

सर्वप्रथम नित्य क्रियाओं से निव्रत होकर किसी भी शिवालय में जाकर आप पूजा अर्चना कर सकते है। शिव जी को किसी भी तांबे के पात्र में जल भर कर उसमे थोड़ी शक्कर, गुलाब के फूल की पत्तियां डाल कर स्नान कराएं। उसके बाद घी, दूध, शहद, गंगाजल, शक्कर डाल कर उनका पंचामृत अभिषेक कराएं। उसके उपरांत  भगवान शिव को रोली, मौली, अक्षत, यानी पुष्प (कनेर गुलाब) पान, सुपारी ,लौंग, इलायची, चंदन, कमलगटटा, धतूरा, बेलपत्र, आदि अर्पित करें। शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता। मंत्र इस प्रकार हैं-

ॐ हौं जूं सः

महा मृतुन्जय मंत्र...

ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि-वर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनं मृत्योर्मुक्षीय मामृतात

डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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