- इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को पड़ रहा है
- मंगला गौरी का व्रत सावन महीने में मंगलवार को पड़ता है
- यह व्रत सुहागन व कुंवारी लड़कियों दोनों के लिए काफी शुभ व्रत माना गया है
Mangla Gauri 2022 Vrat Benefits: मंगला गौरी का व्रत सावन महीने में मंगलवार को पड़ता है। यह व्रत सुहागन व कुंवारी लड़कियों दोनों के लिए काफी शुभ व्रत माना गया है। इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को पड़ रहा है। 14 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के महीने में चार मंगलवार पड़ रहा है और यह चारों मंगलवार मंगला गौरी व्रत रखने के लिए काफी शुभ है। इस व्रत का उद्यापन सावन महीने के शुक्ल पक्ष में किया जाता है। इस व्रत को रखने से कुंवारी लड़कियों की शादी की राह आसान हो जाती है व जिन लड़कियों के मंगल योग के कारण शादी विवाह में रुकावट आ रही है या देरी हो रही है वह श्रावण मास में मंगलवार को आने वाले मंगला गौरी का व्रत जरूर रखें। इसके अलावा शादी के बाद पति पत्नी के रिश्तों में आ रहे मनमुटाव को दूर करने के लिए यह व्रत रखना लाभदायक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत से जुड़े उपायों के बारे में जो जरूर करने चाहिए।
इस सिंदूर से लगाएं टीका
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगला गौरी का व्रत रखने वाली कुंवारी लड़कियां व सुहागन महिलाएं व्रत में पूजा के दौरान मंगलवार के दिन हनुमान जी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर जरूर लगाएं। इससे कुंडली में बैठा मंगल दोष दूर होता है।
श्रीमद् भागवत के इस अध्याय का करें पाठ
कुंवारी लड़कियों को मंगला गौरी व्रत के दौरान श्रीमद् भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक जप, गौरी पूजन व तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मंगल शुभ बनता है।
Also Read- Guru Purnima 2022: इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन बन रहा है राजयोग, जानिए क्या है इसका महत्व
इस मंत्र का करें जाप
मंगला गौरी व्रत के दौरान श्री मंगला गौरी मंत्र 'ओम गौरीशंकराय नमः' के मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार सुबह व शाम को जरूर करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)